क्या फोन की बैटरी कम होने पर अधिक किराया लेती है Uber? यूजर के एक्सपेरिमेंट में चौंकाने वाली बात आई सामने
Uber पर पिछले कुछ समय से ऐसे आरोप लग रहे हैं कि वह फोन के आधार पर अलग-अलग किराया वसूलती है. अब एक एक्सपेरिमेंट में सामने आया है कि बैटरी कम होने पर भी किराये में अंतर हो जाता है

कैब सर्विस देने वाली कंपनी उबर पर कुछ समय से आईफोन और एंड्रॉयड स्मार्टफोन यूजर्स से एक जैसी बुकिंग के लिए अलग-अलग किराया लेने का आरोप लग रहा है. अब एक और यूजर ने इसकी पुष्टि की है. साथ ही उसके एक्सपेरिमेंट में यह भी सामने आया कि फोन की बैटरी कम होने पर उबर किराया बढ़ा देती है. यूजर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने एक्सपेरिमेंट के बारे में जानकारी शेयर की है. आइये पूरा मामला जानते हैं.
आईफोन और एंड्रॉयड पर किराये में दिखा अंतर
एक ऑनलाइन प्लेसमेंट प्लेटफॉर्म के फाउंडर ऋषभ सिंह ने एक्स पर एक के बाद एक कई पोस्ट की है. उन्होंने लिखा कि उन्होंने दो आईफोन और दो एंड्रॉयड डिवाइसेस से एक ही अकाउंट से, एक ही समय पर एक ही लोकेशन की राइड बुक की थी. एंड्रॉयड पर उनको यह राइड आईफोन के मुकाबले सस्ती दिख रही थी. यहां उन्होंने किराये में काफी अंतर नजर आया.
The Curious Case of Uber Fare Discrepancies:
— Rishabh Singh (@merishabh_singh) January 18, 2025
Platform and Battery Impact
Ride-hailing platforms like Uber have revolutionized transportation, but recent observations raise questions about the transparency of their pricing algorithms.
In this post, I’ll dive into two surprising… pic.twitter.com/nlQCM0Z49B
बैटरी कम होने का भी किराये पर पड़ा असर
सिंह ने आगे बताया कि फोन की बैटरी कम होने का भी किराये पर असर पड़ा था. जिस फोन की बैटरी कम चार्ज थी, उसमें फुल बैटरी वाले फोन की तुलना में उबर ने अधिक किराया दिखाया था. दरअसल, कम बैटरी वाले फोन यूजर्स के पास दूसरे विकल्प कम रहते हैं और उबर इसका फायदा उठाते हुए उन्हें अधिक किराया दिखाती है.
उबर पर पहले भी लग चुके हैं आरोप
यह पहली बार नहीं है, जब उबर पर इस तरह के आरोप लगे हैं. पिछले महीने भी एक सोशल मीडिया यूजर ने इस ओर ध्यान खींचा था. उनका कहना था कि एंड्रॉयड फोन से बुक करने पर उबर कम किराया दिखाती है, जबकि आईफोन से बुक करने पर यह महंगी पड़ती है. इसके जवाब में उबर ने कहा था कि दो यात्राओं में कई अंतर होते हैं, जिससे किराया प्रभावित होता है. इनमें पिकअप प्वाइंट, ETA और ड्रॉप ऑफ प्वाइंट अलग-अलग होते हैं, जिससे किराये में अंतर आ जाता है. उबर राइडर के फोन की कंपनी देखकर किराया तय नहीं करती.
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