Electric current :  आज के आधुनिक युग में भी आपको कई घरों में पुराने जमाने के लकड़ी के देसी सॉकेट बोर्ड लगे हुए दिखाई दे जाएंगे. ये सॉकेट बोर्ड बेशक लकड़ी के बने होते हैं, लेकिन ये उतने ही खतरनाक होते हैं, जितना की बिजली का नंगा तार खतरनाक होता है. आपको बता दें लकड़ी में बेशक बिजली का प्रवाह नहीं हो सकता, लेकिन ये लकड़ी के बोर्ड पानी या सीलन से नमी पकड़ लें, तो इनमें भी उतनी ही तेजी से बिजली का प्रवाह हो सकता है, जितना की किसी आम बिजली के तार में विद्युत का प्रवाह होता है.


अगर आपके घर में भी लकड़ी के पुराने देसी सॉकेट बोर्ड लगे हुए हैं, तो आपको सावधान हो जाना चाहिए. गर्मी के मौसम में अगर आप इनका इस्तेमाल कर रहे हैं और उस दौरान बोर्ड के अंदर कोई स्पार्किंग होती है तो इस बात की काफी आशंका रहती है की बोर्ड में आग लग जाए. लकड़ी के बने बोर्ड की तुलना में आजकल प्लास्टिक मटीरियल वाले सॉकेट बोर्ड काफी प्रचलन में है और इन्हें खरीदना भी काफी किफायती साबित होता है और स्पार्किंग होने पर इनमें आग भी नहीं लगती.


लकड़ी का बोर्ड क्यों होता है खतरनाक


लकड़ी के सॉकेट बोर्ड देखने में काफी मजबूत लगते हैं, लेकिन ये काफी खतरनाक होते हैं. बेशक सूखी लकड़ी विद्युत की कुचालक होती है, लेकिन ये अगर भीग जाए या सीलन की वजह से नमी पकड़ ले, तो इसमें विद्युत आसानी से प्रवाहित हो सकती है. इसलिए लकड़ी के सॉकेट बोर्ड को काफी खतरनाक माना जाता है.


लकड़ी का बोर्ड का विकल्प


अगर आप बिजली के झटके से बचना चाहते हैं, तो आपको अपने घर में बिजली की फिटिंग कराते समय प्लास्टिक के सॉकेट बोर्ड लगवाने चाहिए. आपको बता दें प्लास्टिक में विद्युत प्रवाहित नहीं हो सकती. इसलिए ये गलती से भीग भी जाए तो इनमें करंट नहीं उतरता, साथ ही प्लास्टिक के बोर्ड सीलन भी नहीं पकड़ते.


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