Elon Musk's Neuralink: एलन मस्क की कंपनी न्यूरालिंक इंसानों के दिमाग में कंप्यूटर चिप लगाने पर काम कर रही है ताकि ह्यूमन ब्रेन को मशीन से ऑपरेट किया जा सके. पिछले महीने मस्क की कंपनी न्यूरालिंक को US फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन यानी FDA ने क्लिनिकल ट्रायल की मंजूरी दे दी थी. अब ये खबर सामने आ रही है कि कंपनी इस साल के अंत तक पहला ह्यूमन ट्रायल पूरा कर सकती है. कंपनी के को-फाउंडर एलन मस्क ने एक इवेंट के दौरान कहा कि ह्यूमन ट्रायल इस साल के अंत तक शुरू हो जाएगा. हालांकि उन्होंने ये नहीं बताया कि कितने लोगों में इसकी टेस्टिंग की जाएगी और ये टेस्ट कितने समय तक चलेगा. 


यदि मस्क की कंपनी न्यूरालिंक को सफलता मिलती है तो ये एक बड़ी उपलब्धि होगी और इस टेक्नोलॉजी से खासकर उन लोगों को फायदा होगा जो पैरालाइज, नेत्रहीन, मेमोरी लॉस या न्यूरो संबंधित बीमारी से जूझ रहे हैं. खैर अगर क्लीनिकल ट्रायल अभी सफल भी रहता है तो मस्क की कंपनी को इसका कमर्शियल लाइसेंस लेने में अभी एक दशक से ज्यादा का समय लगेगा और वे इसके बाद ही कंप्यूटर चिप को इंसानों के दिमाग में लगा पाएंगे. 


क्या है न्यूरालिंक?


जिन लोगों को नहीं पता कि न्यूरलिंक चिप क्या है तो दरअसल, ये एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चिप है जो एक कंप्यूटर से अटैच रहती है और इसे इंसानों के दिमाग के अंदर इम्प्लांट किया जाता है और फिर कंप्यूटर की मदद से दिमाग को सिग्नल दिए जाते है. सिग्नल्स की मदद से फिर बॉडी ऑपरेट करती है. इस चिप की मदद से कई बीमारियों का पता समय से पहले लगाया जा सकता है और वक्त रहते हैं इनका इलाज भी किया जा सकता है. न्यूरालिंक विशेषकर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो डिसेबिल या पैरालाइज्ड हैं.


न्यूरालिंक को 2016 में लॉन्च किया गया था. कंपनी ने 2022 में एफडीए से अप्रूवल मांगा था लेकिन तब एप्लीकेशन को रिजेक्ट कर दिया गया था और एफडीए ने तब कई तरह की समस्याओं की बात कही थी. लेकिन पिछले महीने मस्क की कंपनी को एफडीए की तरफ से अप्रूवल मिल चुका है और अब जल्द कंपनी अपना पहला ह्यूमन ट्रायल शुरू करेगी. 


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