English Learning App: आपने डिजिटल इंडिया वीक में शामिल होने पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी का वो वायरल वीडियो जरूर देखा होगा, जिसमें वो एक 11 साल के बच्चे से उसकी गोद में रखे एक गैजेट के बारे में कुछ पूछ रहे हैं. बच्चा बड़े ही भोले अंदाज में उन्हें बताता है कि कैसे उस एक ब्रेल रीडिंग गैजेट की मदद से वह और उसके जैसे हजारों बच्चे बड़ी ही आसानी से लिख-पढ़ सकते हैं. दरअसल ये है तकनीक की ताकत जिसके इस्तेमाल से आज एजूकेशन खासकर चाइल्ड एजूकेशन में बहुत ही कामयाब बदलाव देखने को मिल रहे हैं.


OckyPocky मोबाइल ऐप
 
ऐसे ही एक सकारात्मक बदलाव की कामयाब कोशिश का नाम है OckyPocky. यह मोबाइल ऐप मॉडर्न टेक्निक का इस्तेमाल कर छोटे बच्चों को बहुत ही आसान और मजेदार तरीके से अंग्रेजी सीखने में मदद करता है. यह बात अब किसी से छिपी हुई नहीं है कि आज के समय में किसी भी क्षेत्र में सफल होने के लिए अच्छी अंग्रेजी बोलना आना कितना जरूरी है. यही कारण है कि आजकल हर माँ-बाप का यह सपना है कि बड़ा होकर उनका बच्चा फर्राटेदार अंग्रेजी बोले. लेकिन मंहगी अंग्रेजी शिक्षा और और घर-परिवार के आम बोल-चाल में अंग्रेजी के न के बराबर प्रयोग के कारण हर किसी के लिए इस सपने को सच कर पाना आसान नहीं है.


तेजी से बढ़ रही है OckyPocky
 
भारत के एक छोटे शहर से ताल्लुक रखने वाले और अंग्रेजी सीखने के रास्ते में आने वाली कई कठिनाइयों से खुद दो-चार होने वाले, यूट्यूब इंडिया के पूर्व प्रमुख अमित अग्रवाल और उनकी टीम ने इन्हीं सारी बातों को ध्यान में रखते हुए ये मोबाइल ऐप बनाया है. ऐप की सफलता से उत्साहित अमित बताते हैं कि आज भारत के 1200 से ज्यादा शहरों में लाखों पेरेंट्स अपने बच्चों को अंग्रेजी सिखाने के लिए OckyPocky ऐप का इस्तेमाल करते हैं. इनमें से 250 से ज्यादा शहर ऐसे हैं जहां हमारा यूजर बेस बहुत तेजी से बढ़ रहा है. पेरेंट्स के अलावा बहुत सारे स्कूल भी अब अपने छात्रों को बेहतर तरीके से अंग्रेजी सिखाने के लिए हमारी ऐप को अपना रहे हैं.




पेरेंट्स के लिए ज्यादा उपयोगी


अमित की मानें तो OckyPocky ऐप उन पेरेंट्स के लिए सबसे ज्यादा उपयोगी है जहां परिवार के सभी सदस्य आमतौर पर अपनी मातृभाषा जैसे हिंदी, मराठी, अथवा पंजाबी में बातचीत करते हैं. ऐसे परिवार जहां माता-पिता बच्चे के साथ सामान्य बातचीत अंग्रेजी में करने में सक्षम अथवा सहज नहीं हैं या फिर वर्किंग होने के कारण उनके पास ऐसा करने का बहुत ज्यादा समय नहीं है. ऐसी परिस्थिति में बच्चों को वो माहौल नहीं मिल पाता जिससे उन्हें अंग्रेजी सीखने में मदद मिल सके. ऐसे में हमारा ऐप्लिकेशन एक परिवार के सदस्य की तरह बच्चे के साथ अंग्रेजी में बात करता है और उन्हें वर्चुअली एक ऐसा माहौल प्रदान करता है जिसमें बच्चा बड़ी ही आसानी से अंग्रेजी बोलना सीख जाता है.




6 से 8 भाषाएं सीख सकते हैं बच्चे
 
विज्ञान के अनुसार 2 से 8 साल की उम्र में बच्चों की सीखने की क्षमता बहुत ज्यादा होती है. जरूरी टूल्स और सही प्रोसेस अपनाते हुए कोशिश की जाए तो इस छोटी सी उम्र में बच्चे 6 से 8 भाषाएं तक सीख सकते हैं. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि बचपन में सिनैप्टिक कनेक्शन बहुत जल्दी बनते हैं. विशेषज्ञों की मानें तो 95 प्रतिशत सिनैप्टिक कनेक्शन 8 साल की उम्र से पहले बनते हैं. OckyPocky मोबाइल ऐप्लिकेशन इसी साइंटिफिक लर्निंग एप्रोच को फॉलो करता है. बच्चों की सीखने की इस पूरी प्रक्रिया में एक पर्सनल ट्यूटर की तरह उनकी मदद करता है. कदम-कदम पर उन्हें गाइड करता है. निराश हो जाने या ध्यान हटने पर उन्हें मोटिवेट करता है और अच्छा करने पर शाबाशी भी देता है.
 
छोटी उम्र से ही अंग्रेजी की मजबूत नींव पड़ जाने से ये बच्चे न सिर्फ आगे चलकर अंग्रेजी में महारत हासिल कर पाएंगे बल्कि अपने कैरियर को नई ऊंचाइयों तक ले जा पाने में भी सफल हो पाएंगे.


यह भी पढ़ें:


Laptop Heating Problem: अचानक Laptop हो जाता है गर्म? जानें वजह और सॉल्यूशन


Processor क्या है? पावरफुल प्रोसेसर की कैसे करें पहचान? यहां जानें इसका काम