अमेरिका की एक फेडरल कोर्ट (संघीय अदालत) ने आईफोन निर्माता दुनिया की मशहूर कंपनी एप्पल (Apple) को तगड़ा झटका दिया है. फेडरल कोर्ट के जज ने एप्पल को उसके ऐप स्टोर के नियमों में ढील देने का आदेश दिया है. जज के इस आदेश के बाद कंपनी के ऐप डिवेलपर्स के पास अपने यूजर्स को दूसरे पेमेंट सिस्टम में भेजने की इजाजत होगी. जज ने कोर्ट में मशहूर गेम 'फोर्टनाइट' (Fortnite) की निर्माता कंपनी एपिक गेम्स (Epic Games) के मुकदमें पर ये फैसला सुनाया. जज के इस फैसले को एप्पल स्टोर पर मौजूद एपिक गेम्स और अन्य ऐप्स के लिए बड़ी जीत के तौर पर देखा जा रहा है.
कैलिफोर्निया के नॉर्दन डिस्ट्रिक्ट में मौजूद यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के जज वोने गोंजालेज रोजर्स ने ये फैसला सुनाया. हालांकि फेडरल कोर्ट ने कल के अपने इस फैसले में एप्पल कंपनी को थोड़ी राहत देते हुए उसे इन-ऐप पेमेंट्स के तौर 15 से 30 फीसदी का कमीशन अमाउंट लेते रहने की इजाजत दी है. ऐप स्टोर पर पेमेंट का ये ग्राहकों के लिए सबसे आसान तरीका है. इस फैसले के बाद एप्पल ने एक बयान जारी करते हुए कहा, "कोर्ट का फैसला ये भी बताता है कि सफलता ग़ैरक़ानूनी नहीं होती है. एप्पल को हर सेगमेंट में कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है. कस्टमर्स और डिवेलपर्स हमें इसलिए चुनते हैं क्योंकि हमारे प्रॉडक्ट दुनिया में सबसे बेहतर हैं."
एप्पल ने फैसले पर दिया ये बयान
एक मीडिया ब्रीफ़िंग में एप्पल की लीगल टीम ने कहा, "हमें नहीं लगता कि कोर्ट के निर्णय के बाद डिवेलपर्स अपने ख़ुद के इन-ऐप पर्चेस सिस्टम को लागू कर पाएंगे. अधिकारियों ने बताया कि, कंपनी इस बात पर विचार कर रही है कि वो किस तरह से कोर्ट के इस फैसले को लागू करेगी."
हालांकि मुकदमा करने वाली कंपनी एपिक गेम्स इस फैसले से पूरी तरह खुश नहीं है. जैसा कि जज ने ख़ुद कहा कि ये फैसला एप्पल के नियमों में तर्कसंगत बदलाव का है. हालांकि विश्लेषकों का मानना है कि इस फैसले का असर इस बात पर निर्भर करेगा कि एप्पल किस तरह से इसे लागू करती है. एपिक गेम्स इस फैसले के खिलाफ एक बार फिर अपील करने की सोच रहा है. एपिक का ये मुक़दमा उस समय शुरुआ हुआ जब इस गेम मेकर कंपनी ने अपने गेम फोर्टनाइट में ख़ुद का इन-ऐप पर्चेस सिस्टम डाला था. दुनियाभर में करीब 40 करोड़ लोग इस वीडियो गेम को खेलते हैं.
कोर्ट के फैसले के बाद गिरे एप्पल के शेयर
हालांकि कोर्ट के इस फैसले के बाद कंपनी की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली इस गतिविधि पर खतरा मंडराने लगा है. इस तरह का बदलाव यदि एप्पल के एप स्टोर में होता है तो इससे एप तैयार करने वालों के अरबों डालर बचेंगे और वह दाम कम करने के लिये प्रोत्साहित होंगे जिसका लाभ उपभोक्ताओं को मिलेगा. कोर्ट के इस फैसले के बाद शुक्रवार दोपहर कारोबार में एप्पल के शेयर दो प्रतिशत से अधिक नीचे चल रहे थे. निवेशकों को लगता है कि इस फैसले से कंपनी की वार्षिक आय में अरबों डालर का नुकसान हो सकता है.
बता दें कि, एप्पल उसके स्टोर में रखी जाने वाली ऐप के जरिये होने वाले लेनदेन पर 30 प्रतिशत तक कमीशन लेता है. इस तरह के लेनदेन में गीत संगीत, मूवी सहित नेटफ्लिक्स या स्पॉटीफाई सब्स्क्रिप्शन आदि डिजिटल लेनदेन शामिल हैं.
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