यूरोपीय देश अल्बेनिया ने एक स्कूली छात्र की मौत के बाद TikTok पर बैन लगाने का फैसला किया है. देशभर के शिक्षकों और बच्चों के परिजनों से मुलाकात के बाद यहां के प्रधानमंत्री इडी रामा ने यह ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि टिकटॉक पर एक साल तक पाबंदी रहेगी और यह फैसला अगले साल से लागू हो जाएगा. बच्चों पर सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव के चलते यह फैसला लिया गया है.


स्कूली छात्र को चाकू से गोदा


नवंबर में अल्बेनिया में एक 14 वर्षीय स्कूली छात्र की उसके सहपाठियों ने चाकू से गोदकर हत्या कर दी थी. स्थानीय मीडिया के अनुसार, इससे पहले दोनों छात्रों के बीच सोशल मीडिया पर बहस हुई थी. ऐसे भी वीडियो आए थे, जिसमें स्कूली बच्चे हिंसा को सही ठहरा रहे थे.


रामा ने सोशल मीडिया और खासकर टिकटॉक को बच्चों के बीच बढ़ रही हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा, "आज समस्या बच्चे नहीं है, आज समस्या हम हैं. समस्या हमारा समाज है, समस्या टिकटॉक और ऐसे अन्य प्लेटफॉर्म्स हैं जो हमारे बच्चों को बंधक बना रहे हैं." उन्होंने आगे कहा कि अब से एक साल तक टिकटॉक को सभी के लिए बंद किया जा रहा है. एक साल तक अल्बेनिया में कोई टिकटॉक नहीं होगा.


बता दें कि फ्रांस, जर्मनी और बेल्जियम जैसे कई यूरोपीय देशों ने बच्चों को सोशल मीडिया से दूर रखने के लिए ऐसे प्लेटफॉर्म्स पर पाबंदी लगाई है. ऑस्ट्रेलिया ने तो नवंबर में 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया को पूरी तरह बैन कर दिया था.


टिकटॉक ने इस पर क्या प्रतिक्रिया दी है?


टिकटॉक ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह अल्बेनिया की सरकार से और जानकारी जुटा रही है. एक कंपनी प्रवक्ता ने कहा कि पीड़ित या हमलावर छात्रों के टिकटॉक अकाउंट होने के कोई सबूत नहीं है. कई रिपोर्ट्स में ऐसा बताया गया है कि इस घटना से पहले वीडियो टिकटॉक पर नहीं बल्कि दूसरे प्लेटफॉर्म्स पर अपलोड किए गए थे.


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