एक समय ऐसा था जब लोग कीपैड फोन इस्तेमाल करते थे. जैसे-जैसे तकनीक बदली वैसे-वैसे नए टचस्क्रीन फोन बाजार में आए. उस वक्त टचस्क्रीन फोन के साथ रिमूवेबल बैटरी देखने को मिलती थी. यानी लोग बैटरी को फोन से निकाल सकते थे. कई बार जब लोगों का फोन हैंग करने लगता था तो वे बैटरी निकाल कर इसे ठीक कर लेते थे, लेकिन फिर स्मार्टफोन कंपनियों ने मोबाइल फोन में रिमूवेबल बैटरी के बजाए इसे फिक्स कर दिया और डिजाइन के हिसाब से बैटरी को बनाया. इसमें लोगों को ये नुकसान हुआ कि जब उन्हें मोबाइल फोन की बैटरी बदलनी हो या उनका फोन हैंग कर रहा हो, खुल नहीं रहा हो तो उन्हें सीधे इसे बाजार ले जाना पड़ता है और फिर लम्बा खर्चा बैठता है.
कुछ समय पहले स्मार्टफोन में कॉमन चार्जर यानी यूएसबी type-c को लेकर चर्चाएं तेज थी जिसके बाद यूरोपियन यूनियन ने इसको लेकर बैठक की और फिर 2024 से यूरोप में कॉमन चार्जर का नियम लागू कर दिया गया. इसके देखा-देखी में अन्य देशों ने भी इस पर चर्चा शुरू की है और माना जा रहा है कि अब स्मार्टफोन में कॉमन चार्जर यानी टाइप सी ही देखने को मिलेगा. इस बीच कॉमन चार्जर के बाद बैटरी को लेकर चर्चाएं बाजार में शुरू हो गई हैं.
जल्द होगा ये बदलाव !
दरअसल, यूरोपियन यूनियन इस बार रिमूवेबल बैटरी पर विचार कर रहा है. यदि ये एग्रीमेंट पास हो जाता है तो फिर कंपनियों को मोबाइल फोन में यूजर रिप्लेसेबल बैटरी देनी होगी. यूरोपियन यूनियन ये कदम ई- वेस्टेज को कम करने और सस्टेनेबिलिटी बढ़ाने की दिशा में उठा रहा है. अगर ये एग्रीमेंट पास होता है तो फिर एक बार मोबाइल फोन में रिमूवेबल बैटरी देखने को मिलेगी.
आम लोगों को होगा ये फायदा
यूरोपियन यूनियन ने अगस्त में सिंगल चार्जर का नया नियम पास किया था. इसके बाद यूरोप में मोबाइल फोन, कैमरा, लैपटॉप आदि बनाने वाली कंपनियों को साल 2024 से सभी गैजेट्स में टाइप सी बतौर कॉमन चार्जर देना होगा. इसी तरह अगर रिमूवेबल बैटरी का एग्रीमेंट पास होता है तो फिर स्मार्टफोन में भी दोबारा बैटरी देखने को मिलेगी. इससे कॉमन यूजर्स को कई तरह के फायदे होंगे. एक तो मोबाइल रिपेयरिंग की कॉस्ट कम हो जाएगी दूसरा, बैटरी चेंज करके फोन को फिर से इस्तेमाल किया जा सकता है. साथ ही ई-वेस्टेज भी कम हो होगा.
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