Facebook की पूर्व डेटा साइंटिस्ट फ्रांसिस हौगेन बोलीं- कंपनी ने सेफ्टी से ज्यादा प्रॉफिट को रखा ऊपर
फेसबुक की पूर्व डेटा साइंटिस्ट फ्रांसिस हौगेन ने कहा कि इंटरनल रिसर्च में सामने आया था कि इससे Teen Age के लोगों को नुकसान पहुंच रहा है, बावजूद इसके कंपनी ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया.
फेसबुक की पूर्व डेटा साइंटिस्ट फ्रांसिस हौगेन ने सोशल नेटवर्क पर सुरक्षा के बजाय लाभ को तरजीह देने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि उनका मानना है सख्त सरकारी निरीक्षण से ही बच्चों को हो रहे नुकसान से लेकर राजनीतिक हिंसा को भड़काने से लेकर गलत सूचनाओं को बढ़ावा देने के मुद्दों को हल किया जा सकता है. आइए जानते हैं उन्होंने और क्या कुछ कहा.
कौन हैं हौगेन?
हौगेन, आयोवा की 37 वर्षीय डेटा विशेषज्ञ हैं, जिनके पास कंप्यूटर इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन डिग्री और हार्वर्ड से व्यवसाय में मास्टर्स डिग्री है. फेसबुक में काम करने से पहले, उन्होंने 15 साल तक उसने गूगल, पिंट्रेस्ट और येल्प समेत टेक कंपनियों में काम किया. फेसबुक पर चुनाव को प्रभावित करने वाली कोई गतिविधि न हो, इसके लिए फ्रांसिस हौगेन को ‘प्रोडक्ट’ मैनेजर की पोस्ट पर अप्वाइंट किया गया था.
हौगेन ने की फेसबुक की निंदा
हौगेन ने उपभोक्ता संरक्षण पर सीनेट कॉमर्स सबकमेटी के सामने अपना पक्ष रखते हुए फेसबुक की काफी निंदा की. उन्होंने आरोप लगाया कि इंटरनल रिसर्च में कुछ टीनेजर्स को नुकसान पहुंचने की बात सामने आई थी, लेकिन इसके बावजूद इंस्टाग्राम बदलाव करने में विफल रहा और नफरत और गलत सूचना फैलाने के खिलाफ सार्वजनिक लड़ाई में भी खरा नहीं उतर पाया.
पहले ही निकाल ली थी फोटोकॉपी
कंपनी की सामाजिक शुचिता इकाई की नौकरी छोड़ने से पहले हौगेन ने आंतरिक अनुसंधान दस्तावेजों के हजारों पन्नों की प्रति निकाल ली थी, जो हौगेन के आरोपों को सही साबित करते हैं. हौगेन ने साथ ही फेसबुक के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को कैसे सुरक्षित बनाया जा सकता है, इस बारे में भी विचार पेश किए.
'सुरक्षा से ज्यादा लाभ तो दी तरजीह'
हौगेन ने इसके लिए फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग के साथ ही कंपनी ‘प्रॉफिट-ओवर-सेफ्टी’(सुरक्षा पर लाभ को तरजीह देने) की रणनीति को सबसे अधिक जिम्मेदारी ठहराया, लेकिन साथ ही उन्होंने फेसबुक की दुविधा को लेकर सहानुभूति भी व्यक्त की.
'लोकतंत्र को कर रहे कमजोर'
हौगेन ने कहा, "फेसबुक के प्लेटफॉर्म टीनेजर्स को नुकसान पहुंचा रहे हैं, डिवाइडेशन को बढ़ावा दे रहे हैं और हमारे लोकतंत्र को कमजोर कर रहे हैं. कंपनी का नेतृत्व जानता है कि फेसबुक और इंस्टाग्राम को कैसे सुरक्षित बनाया जाए, लेकिन वे आवश्यक बदलाव नहीं करेंगे क्योंकि उन्होंने लोगों से अधिक अपने लाभ को तरजीह दी है" उन्होंने कहा कि कांग्रेस की कार्रवाई जरूरी है. वे इस संकट से आपकी मदद के बिना नहीं निपट सकते.
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