Mark Zuckerberg Meta Supercomputer: मार्क जुकरबर्ग ने घोषणा की है कि उनका सोशल मीडिया अंपायर एक वर्चुअल मेटावर्स बनाने की प्लानिंग के हिस्से के रूप में दुनिया का सबसे तेज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सुपरकंप्यूटर बनाने का दावा कर रही है.


फेसबुक के संस्थापक ने एक ब्लॉगपोस्ट में कहा कि मेटावर्स, एक कॉन्सेप्ट जो वर्चुअल और ऑगमेंटेड रियलिटी के माध्यम से भौतिक और वर्चुअल दुनिया को मिलाती है, इसके लिए "विशाल" कंप्यूटिंग पावर की जरूरत होगी. कंपनी ने कहा कि जुकरबर्ग के मेटा बिजनेस द्वारा इसे एआई रिसर्च सुपरक्लस्टर (आरएससी) करार दिया गया एआई सुपरकंप्यूटर पहले से ही दुनिया में पांचवां सबसे फास्ट कंप्यूटर है.


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जुकरबर्ग ने एक ब्लॉगपोस्ट में लिखा "मेटावर्स के लिए हम जो एक्सपीरिएंस बना रहे हैं, उसके लिए भारी गणना [एसआईसी] पावर (क्विंटिलियन ऑपरेशन/सेकंड!) और आरएससी नए एआई मॉडल को सक्षम करेगा जो खरबों उदाहरणों से सीख सकते हैं, सैकड़ों भाषाओं को समझ सकते हैं, और बहुत कुछ, ”. मेटा शोधकर्ताओं ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि गर्मियों में पूरा होने पर आरएससी अपनी तरह का सबसे तेज कंप्यूटर बन जाएगा. 2022 के मध्य में पूरी तरह से तैयार होने के बाद यह दुनिया में सबसे तेज कंप्यूटर होगा.


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एआई कंप्यूटर के रूप में ब्रेन की नकल करता है और बड़ी मात्रा में डेटा को प्रोसेस करने और पैटर्न को खोजने में सक्षम है. मेटा, जो फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप मैसेजिंग सर्विस का मालिक है, अपने 2.8 बिलियन डेली यूजर्स से डेटा को जेनरेट करता है. 


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कंपनी पर कैम्ब्रिज एनालिटिका घोटाले के मद्देनजर प्राइवेसी वायोलेशन के लिए 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का जुर्माना लगाया गया था और फेसबुक के एक पूर्व कर्मचारी और व्हिसलब्लोअर फ्रांसेस हॉगेन ने चेतावनी दी थी कि कंपनी नए क्षेत्रों में विस्तार पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जब उसे "बहुत बुनियादी पर अधिक संसाधन" लगाने चाहिए.