सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक ने एक रिपोर्ट जारी की है जिसके मुताबिक भारत सरकार और देश की कानूनी एजेंसियों की ओर से यूजर्स का डेटा मांगने से जुड़ी रिक्वेस्ट में उछाल आया है. रिपोर्ट के मुताबिक ‘एमरजेंसी रिक्वेस्ट’ में तो दोगुनी बढ़ोतरी हुई है. ये रिपोर्ट 2019 के आंकड़ों पर आधारित है.


इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक फेसबुक ने मंगलवार देर रात अपनी ‘ट्रांसपैरेंसी रिपोर्ट’ जारी की, जिसमें बताया गया है कि 2019 में भारत सरकार ने यूजर्स का डेटा मांगने के लिए 3,369 ‘एमरजेंसी रिक्वेस्ट’ कंपनी को भेजी. ये 2018 में भेजी गई 1,478 ऐसी रिक्वेस्ट के दोगुने से भी ज्यादा है.


पिछले साल आम चुनाव से लेकर कई तरह के विवादित मुद्दों पर देशभर में जमकर आंदोलन हुए थे. इनमें सीएए-एनआरसी के अलावा आर्टिकल 370 जैसे मुद्दे शामिल हैं.


रिपोर्ट में फेसबुक के हवाले से बताया गया है कि कई बार आपातकालीन स्थिति में सरकार या कानूनी एजेंसियां बिना किसी कानूनी प्रक्रियाओं के ही यूजर का डेटा मांग सकती हैं. फेसबुक के बयान के मुताबिक ऐसी परिस्थितियों में अगर कंपनी को सरकार या एजेंसियों के बताए गए कारणों पर भरोसा होता है तो वो खुद यूजर की जानकारी उनको दे देते हैं.


ओवरऑल रिक्वेस्ट 50 हजार तक पहुंची


फेसबुक की इस रिपोर्ट के मुताबिक ओवरऑल डेटा रिक्वेस्ट के मामले में 2018 के मुकाबले भी काफी बढ़ोतरी हुई है. रिपोर्ट में दिए गए आंकड़े बताते हैं कि 2018 में सरकार (और कानूनी एजेंसियों) ने 37,000 से ज्यादा रिक्वेस्ट कंपनी को भेजी थीं, जबकि 2019 में ये बढ़कर लगभग 50 हजार तक पहुंच गईं.


वहीं सरकारी निवेदनों के आधार पर साइट से कोई भी कंटेंट हटाने जैसे मामलों में काफी कमी देखी गई. 2019 में 2000 ऐसे मामले आए, जबकि 2018 में 20 हजार मामले देखे गए थे.


रिपोर्ट के मुताबिक कंटेंट हटाने से जुड़ी ज्यादातर रिक्वेस्ट इंस्टाग्राम पोस्ट को लेकर थीं. फोटो शेयरिंग प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम, फेसबुक का ही हिस्सा है.


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