FB Users Data: फेसबुक के द्वारा कोर्ट में जमा कराए गए दस्तावेजों के बड़ा खुलासा हुआ है. फेसबुक के दो सीनियर इंजीनियरों का कहना है कि मेटा कंपनी में किसी भी कर्मचारी को ये पता नहीं है कि फेसबुक इस्तेमाल करने वाले यूजर्स का निजी डेटा कहां सेव किया जाता है. इन इंजीनियर का नाम यूजीन ज़राशॉ है, जोकि फेसबुक की पैरंट कंपनी मेटा में इंजीनियरिंग डायरेक्टर के तौर पर 9 साल तक काम कर चुके हैं. वहीं दूसरे इंजीनियर स्टीवन एलिया है, जो पिछले 11 साल से फेसबुक में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग मैनेजर के रूप में काम कर रहे हैं.


मार्च 2022 में  2018 के कैंब्रिज एनालिटिका स्कैंडल से जुड़े एक मामले में कोर्ट ने सुनवाई के दौरान इन दो इंजीनियरों से पूछताछ की थी. हालांकि इस मामले की सुनवाई मार्च में हुई थी. लेकिन अदालत की सुनवाई के शील्ड लिफाफे को हाल ही में खोला गया है. अदालत द्वारा नियुक्त एक तकनीकी विशेषज्ञ डेनियल गैरी ने इस मामले में फेसबुक के इंजीनियरों से बात की थी. गैरी ने फेसबुक इंजीनियरों से जानना चाहा कि फेसबुक के 55 सबसिस्टम में से कहां यूजर्स का डेटा सेव किया जाता है. जब ज़राशॉ से पूछा गया कि फेसबुक किसी यूजर्स के डेटा को कैसे ट्रैक कर सकता है, तो ज़राशॉ चुप हो गए. 


मेटा का क्या कहना है


मेटा ने 'द इंटरसेप्ट' को अपना बयान ईमेल किया है, जहां प्रवक्ता दीना एल-कासाबी ने बताया कि "कोई भी इंजीनियर ये नहीं जानता है कि यूजर्स का डेटा कहां सेव किया गया है और इसके कोई आश्चर्य की बात नहीं है." साथ ही, मेटा ने इतनी बड़ी मात्रा में मौजूद डेटा को कंट्रोल करने के लिए कई सिस्टम विकसित किए हैं.


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