भारत के UPI Market में विदेशी कंपनियों के कब्जे ने सरकार की बढ़ाई टेंशन
Indian UPI Market: भारतीय UPI मार्केट के करीब 80% मार्केट पर फोनपे (PhonePe) और गूगल पे (Google Pay) ने कब्जा जमाया हुआ है. इसका मतलब है कि हर 10 में से 8 लेनदेन गूगल पे और फोन पे से किए जा रहे हैं.
Unified Payments Interface: यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस यानी यूपीआई (UPI) भारत सरकार की सबसे बेहतरीन और सफल पहल है. इससे ऑनलाइन पैसों का लेनदेन (Online Transaction) आसान हो गया है, लेकिन डिजिटल लेनदेन में गगूल पे (Google Pay) और फोन पे (PhonePe) जैसे डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म का पलड़ा भारी है. भारतीय यूपीआई मार्केट के करीब 80% मार्केट पर दोनों कंपनियां फोनपे और गूगल पे ने कब्जा जमाया हुआ है. इसका मतलब है कि हर 10 में से 8 लेनदेन गूगल पे और फोन पे से किए जा रहे हैं.
Government की बढ़ी टेंशन
इकोनॉमिक्स टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार और पॉलिसी मेकर्स गूगलपे और फोन की लगातार बढ़ती ग्रोथ को लेकर काफी चिंतित है. ना सिर्फ सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी बल्कि विपक्षी दलों के नेताओं भी यूपीआई पेमेंट में केवल दो ही कंपनियों फोनपे और गूगल पे के कब्जे को लेकर चिंतित हैं. दरअसल, भारतीय बाज़ार में मौजूदा वक्त में करीब 50 से ज्यादा थर्ड पार्टी यूपीआई ऐप्स हैं, लेकिन इनमें से केवल फोनपे और गूगल पे का पलड़ा भारी है, ये 2 ऐप्स अकेले 81 फीसद लेनदेन पर कब्जा जमाए हुए है. वहीं इन दो ऐप्स से कुल मिलाकर करीब 84 फीसद लेनदेन किया जाता है.
भारतीय यूपीआई मार्केट (UPI Market) में इन दो विदेशी यूपीआई कंपनियों ने इस कदर कब्जा जमा लिया है कि भारत के पॉलिसी मेकर्स बेहद परेशान हो चुके हैं. इसमें फोनपे वॉलमार्ट ओन्ड है और पेमेंट गेटवे गूगल पे को गूगल चलता है.
NPCI Guidelines
नेशनल पेमेंट कारपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) भारत में यूपीआई लेनदेन का लेखा-जोखा देखती है. नेशनल पेमेंट कारपोरेशन ऑफ इंडिया (National Payment Corporation of India) की तरफ से गूगलपे, फोन पे जैसे यूपीआई प्लेटफॉर्म को 30 फीसद से ज्यादा मार्केट शेयर नहीं होल्ड करने का निर्देश दिया गया है. NPCI की नई गाइडलाइन जनवरी 2023 से लागू होगी. वहीं, गूगल पे और फोन पे इस गाइडलाइन की मार्केट शेयर की शर्ते बदलने के लिए सरकार पर दबाव डाल रहे हैं.
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