Mobile Tower लगवाने के लिए आने वाली इन कॉल्स से हो जाए सावधान!
Mobile Tower Fraud: दूरसंचार विभाग के संज्ञान में आया है कि कुछ बेईमान कंपनियां, एजेंसियां या व्यक्ति मोबाइल टावर लगाने के नाम पर आम लोगों ठग रहे हैं, इसके लिए वे लोगो से मासिक किराए आदि का झूठा वादा करते हैं.
Fraud Calls: मोबाइल नेटवर्क में सिग्नल की कमी हर किसी को खलती है, लेकिन इस समस्या को लेकर अगर कोई व्यक्ति आपके घर में मोबाइल टावर लगवाने के लिए आपसे संपर्क कर रहा है तो वो आपके साथ एक बड़ा फ्रॉड करने की साजिश हो सकती है. पिछले कुछ समय से ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं, जिनमें धोखेबाज़ लोग खुद को कंपनी का एजेंट बताते हैं और मोबाइल टावर लगवाने के लिए लोगों को ठगने का काम कर रहे हैं.
भारतीय सरकार ने जारी की एडवाइजरी
दूरसंचार विभाग (DOT) के संज्ञान में आया है कि कुछ बेईमान कंपनियां, एजेंसियां या व्यक्ति मोबाइल टावर लगाने के नाम पर आम लोगों ठग रहे हैं, इसके लिए वे लोगो से बड़ा मासिक किराए आदि का झूठा वादा करते हैं. इन सब को देखते हुए, भारतीय सरकार के संचार मंत्रालय के तहत दूरसंचार विभाग ने मोबाइल टॉवर लगाने से संबंधित धोखाधड़ी के मामलों पर एक पब्लिक एडवाइजरी जारी की है.
इस एडवाइजरी में क्या है?
सरकार ने अपनी इस एडवाइजरी के माध्यम से जनता को सूचित कर ये साफ शब्दों में कहा है कि दूरसंचार विभाग या TRAI (Telecom Regulatory Authority of India) प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मोबाइल टावरों को लगाने के लिए जगहों को किराए पर लेने में शामिल नहीं होती है. DOT (Department of Telecommunications), TRAI या उसके अधिकारी मोबाइल टावरों को लगाने के लिए कोई NOC (No Objection Certificate) जारी नहीं करते हैं.
सरकार ने ये भी कहा है कि दूरसंचार सेवा प्रदाताओं की अपडेटेड लिस्ट विभाग की वेबसाइट पर मौजूद है. टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर (TSP) और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर (IP-1), जो मोबाइल टावर लगाने के लिए अधिकृत हैं. इन दोनों की लिस्ट दूरसंचार विभाग की वेबसाइट www.dot.gov.in और www.dot.gov.in/infrastructure-provider.Public पर मौजूद है.
केंद्र सरकार ने जनता को चेतावनी देते हुए बताया है कि अगर कोई कंपनी, एजेंसी या व्यक्ति मोबाइल टावर लगाने के लिए आपसे पैसे मांगता है, तो अतिरिक्त सावधानी बरतें और कंपनी की साख को अच्छे से जांच लें. इसके साथ ही TSP (Telecom Service Providers) और IP-1 (Infrastructre Provider) की एसोसिएशन ने भी स्पष्ट किया है कि उनके सदस्य मोबाइल टावर लगाने के लिए कोई पैसे नहीं मांगते हैं.
एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि अगर किसी व्यक्ति को ऐसी किसी भी धोखाधड़ी वाली गतिविधि का पता चलता है, तो वह पुलिस को घटना की जानकारी देकर रिपोर्ट कर सकता है. इसके अलावा, डीओटी की स्थानीय फील्ड यूनिट्स से भी संपर्क कर सकता है. इनसे संपर्क की जानकारी डीओटी की वेबसाइट www.dot.gov.in/relatedlinks/director-general-telecom पर दी गई है.