नई दिल्लीः हाल ही में योगगुरु बाबा रामदेव ने व्हाट्सएप के जवाब में ‘स्वदेशी’ मैसेजिंग एप किंभो उतारा था. कई विवादों के बीच इसे गूगल प्ले स्टोर से वापस ले लिया गया और अब खबर है कि किंभो जल्द वापसी करने वाला है.


टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक पतंजलि ब्रांड में रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण आने वाले कुछ हफ्तों के भीतर किंभो को औपचारिक रुप से लॉन्च किया जाएगा. इस एप के जरिए वो व्हाट्सएप को कड़ी टक्कर देना चाहते हैं. बालकृष्ण ने बताया कि हमने तय किया है कि हम एप को तबतक लॉन्च नहीं करेंगे जब तक सिक्योरिटी एक्सपर्ट और हैकर्स की एक टीम इसके सारे लूपहोल्स (गड़बड़ियों) को खत्म ना करे दें.


पिछले हफ्ते ही किंभो को कई सारे डेटा सिक्योरिटी को लेकर हो रही गड़बड़ी और दूसरी एप से लुक कॉपी करने आरोप लगाया जा रहा था. इस विवाद के बीच किंभो को गूगल के प्ले स्टोर से हटा लिया गया.


साइबर एक्सपर्ट ने बताया था 'सेक्योरिटी डिजास्टर'
फ्रेंच सेक्योरिटी रिसर्चर एलिओट एल्डरसन ने रामदेव के इस एप में यूजर के डेटा सेक्योरिटी को लेकर बड़ी चिंता जताई थी. व्हाट्सएप को देश में टक्कर देने के दावे के साथ उतारे गए किम्भो एप को रिसर्चर ने 'सेक्योरिटी डिजास्टर' बताया.


एलिओट एल्डरसन ने ट्वीट किया, ' किम्भो एप एक मजाक है, अगली बाद किसी भी ऐलान से पहले कंपनी एक बेहतर डेवलपर नियुक्त करे. इस एप को इस्टॉल ना करें.' उन्होंने अगले ट्वीट में दावा किया कि किम्भो एप बोलो एप जैसा हूबहू दिखता है. दोनों ही एप के प्ले स्टोर में स्क्रीनशॉट बिलकुल एक जैसे हैं.


क्या है किम्भो का मतलब
किंभो एक संस्कृत का शब्द है जिसका मतलब है What’s New या How are you. इस मैसेजिंग एप का लोगो व्हाट्सएप को ही थोड़े हेर-फेर के साथ डिजाइन किया हुआ लगता है. े आचार्य बालकृष्णाताबिक आचार्य बालाकृष्णा  है, ंपनी ने नहीं दिया. एयरटेल जल्द मुंबई में 5 है. र अपनी गलती मानी है