नई दिल्ली: फेसबुक ने कुछ दिनों पहले इस बात की पुष्टि की थी कि रोजाना वो भारत में 10 लाख फेक अकाउंट को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटा रहा है. लेकिन अब एक सर्वे में इस बात का एलान किया गया है कि हर 2 में से 1 भारतीय यूजर को पिछले 30 दिनों से व्हॉट्सएप और फेसबुक की ओर से फेक न्यूज हासिल हो रहे हैं. ये फेक मैसेज इतने मजबूत हैं कि ये किसी भी यूजर की सोच को बदल सकते हैं.
सर्वे को ऑनलाइन स्टार्टअप सोशल मीडिया मैटर्स और नई दिल्ली आधारित एक संस्थान ने किया है जहां ये पाया गया कि 53 प्रतिशत भारतीय यूजर्स को आनेवाले लोकसभा चुनाव से जुड़े मुद्दों पर फेक न्यूज मिलते हैं. तकरीबन 62 प्रतिशत लोगों का ये मानना है कि ये फेक न्यूज इस लोकसभा चुनाव के नतीजों को बदल देंगे. इस सर्वे में 18 से 25 साल के उम्र के लोगों को शामिल किया गया था. इसमें 54 प्रतिशत लोग शामिल थे.
बता दें कि आज के दौर में फेसबुक और व्हॉट्सएप ऐसे दो प्लेटफॉर्म है जो फेक न्यूज को फैलाने में सबसे आगे हैं. सर्वे में ये भी खुलासा हुआ कि 96 प्रतिशत लोगों को व्हॉट्सएप की मदद से फेक न्यूज हासिल होता है. 900 मिलियन वोटर्स जिसमें 9.4 प्रतिशत नए वोटर्स शामिल है वो फेक न्यूज से अभी तक लड़ रहे हैं. तो वहीं कल से लोकसभा चुनाव की शुरूआत होने वाली है.
तकरीबन 41 प्रतिशत लोगों ने कहा कि फेक न्यूज के लिए वो गूगल, फेसबुक और ट्विटर का सहारा लेते हैं जहां वो इस मुद्दे को सर्च कर इसका पता लगाते हैं वहीं 54 प्रतिशत यूजर्स का मानना है कि फेक न्यूज की वजह से उनकी राय बदल जाती है जबकि 43 प्रतिशत लोग कहते हैं कि ये न्यूज उन्हें नहीं भटका पाते हैं. फेसबुक ने सोमवार को कहा था कि वो पिछले 18 महीनों से फेक न्यूज को लेकर काम कर रहा है जिससे ये चुनाव बिल्कुल निष्पक्ष तरीके से हो और इसका चुनाव पर कोई असर न पड़े. फेसबुक अभी तक 700 ऐसे पेज को हमेशा के लिए बंद कर चुके हैं जो फेक न्यूज का सहारा लेते थे.