नई दिल्ली: आज के दौर में स्मार्टफोन कोई गैजेट नहीं बल्कि एक ऐसी चीज बन गई है जिसके बिना यूजर अपनी जिंदगी की कल्पना नहीं कर सकता है. लेकिन इस दौर में हमारे जैसे यूजर्स इस जाल में जहां गहरा फंस चुके हैं तो वहीं आनेवाली पीढ़ी को भी हम कुछ ऐसी ही लत लगवा रहे हैं. आजकल के बच्चों को बाहर खेलना पसंद नहीं बल्कि घर में बैठकर स्मार्टफोन चलाना अच्छा लगता है. मां-बाप भी अपने बच्चों को खेलने के लिए, कार्टून देखने के लिए, वीडियो देखने के लिए या फिर किसी रोते हुए बच्चे को चुप कराने के लिए अपना फोन दे देते हैं. इसी को देखते हुए WHO की एक ऐसी रिपोर्ट आई है जिसके मुताबिक अगर बच्चों पर नहीं दिया गया ध्यान तो आगे चलकर उनकी जान को खतरा हो सकता है.
वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन यानी की WHO ने 1 साल की उम्र से लेकर 5 साल की उम्र तक के बच्चों के लिए कुछ स्वास्थय गाइडलाइंस जारी किए हैं. इन गाइडलाइन्स में इस बात के बारे में जिक्र किया गया है कि कैसे बच्चों का फोन चलाना उनके स्वास्थय विकास को हमेशा के लिए रोक सकता है. WHO ने कहा है कि आजकल के मां बाप को अपने बच्चों को इलेक्ट्रॉनिक स्क्रीन से दूर रखना चाहिए. इलेक्ट्रॉनिक स्क्रीन मतलब टीवी, कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल फोन, आईपैड और दूसरी चीजें. अपनी रिपोर्ट में WHO ने कहा है कि अगर आपके घर में 1 साल की उम्र के बच्चे हैं तो उन्हें कभी भी स्क्रीन के सामने न आने दें तो वहीं अगर उनकी 5 साल की है तो उन्हें एक दिन में 1 घंटे से ज्यादा किसी भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का इस्तेमाल न करने दें. ये चीज इतनी खतरनाक है कि आपके बच्चे के विकास को रोक सकती है तो वहीं उनपर मोटापा का भी खतरा है.
इन बच्चों को लेकर ये भी कहा गया है कि इन्हें दिन में 3 से 4 घंटे तक फिजिकल एक्टिविटी करना चाहिए, अच्छी नींद लेनी चाहिए जिससे उनका विकास हो सके और डेवलपमेंट भी. WHO का कहना है कि अगर 1 साल की उम्र से लेकर 5 साल की उम्र तक के बच्चों के स्क्रीन से दूर नहीं रखा गया तो उनके शारीरिक और मानसिक रुप पर उसर पड़ सकता है. वहीं इन बच्चों को आगे चलकर दिल की बिमारी, डायबटीज, हाइपरटेंशन और कैंसर जैसी बिमारियां हो सकती है.
WHO ने कहा है कि फिजिकल एक्टिविटी न करने की वजह से पूरी दुनिया में एक साल में 50 लाख से ज्यादा मौत होती है.