नई दिल्ली: आजकल फोन का इस्तेमाल करना एक आम बात हो गई है जहां यूजर्स दिन रात फोन के अंदर के एप्स, फीचर्स, नए ब्राउजर, वेबसाइट और दूसरी चीजों के पीछे लगे रहते हैं. लेकिन इस दौरान उन्हें अपने फोन की सिक्योरिटी की चिंता नहीं होती. कारण है वो जितनी वेबसाइट्स या जितनी नई चीजें खोलते हैं वहां उनपर अटैक होने का खतरा होता है. ये अटैक, वायरस, एप्स, एसएमएस और दूसरी चीजों के रूप में आपके फोन में आ सकता है. इसलिए इन्हीं चीजों से बचने के लिए और हमेशा के लिए ब्लॉक करने के लिए आज हम आपके लिए ऐसे 20 तरीके लाएं हैं जिनसे आप मोबाइल अटैक्स को ब्लॉक कर सकते हैं.


1. वाईफाई


- कभी भी किसी अनजान नेटवर्क से अपने फोन को कनेक्ट न करें


- अगर वाईफाई का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं तो उसे हमेशा ऑफ रखें


- कभी भी वाईफाई की मदद से कोई निजी जानकारी या कोई ऐसी बात शेयर न करें जिससे आपका नुकसान हो सकता है.


एप्स


- ऑफिशियल एप्स का ही हमेशा इस्तेमाल करें


- कभी भी ब्राउजर से किसी एप को डाउनलोड न करें


- हमेशा रिव्यू पढ़कर ही एप अपने फोन में डालें


- हमेशा उसे अपडेट रखें जिससे वो एप लेटेस्ट सिक्योरिटी पर रहे


- अगर आपका स्टोर उस एप को सपोर्ट नहीं करता है उसे डिलीट कर दें


- एप्स को डाउनलोड करने के लिए किसी भी चीज की परमिशन न दें. ऐसा करने से मोबाइल अटैक होना लाजमी है.


ब्राउजर


- हमेशा विज्ञापन पर ध्यान दें. क्योंकि ऐसे विज्ञापन पहले तो सही होते हैं लेकिन जैसे ही आप उनकी वेबसाइट पर जाते हैं आपको चूना लग सकता है.


- URLs पर हमेशा ध्यान दे. मोबाइल स्क्रीन पर यूआरएल पर ध्यान देना हमेशा मुश्किल होता है.


- वेब ब्राउजर का इस्तेमाल कर रहे हैं तो कभी भी अपने लॉगइन को वहां सेव न करें


ब्लूटूथ


- ऑटोमेटिक ब्लूटूथ पेयरिंग को हमेशा डिसेबल रकें


- तभी ऑन करें जब आपको उसकी जरूरत हो


एसएमएस की मदद से फिशिंग


- उन मैसेज पर कभी ध्यान न दें जो आपसे आपकी निजी जानकारी मांग रहे हों


- हमेशा एप्स, फेसबुक मैसेंजर, इंस्टाग्राम और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से आए मैसेज को एक बार जरूर ध्यान से पढ़ें


- मैसेज पर क्लिक करने से पहले उसे ध्यान से देखें और पढ़े. नहीं तो फंस सकते हैं जाल में


विशिंग- वॉयस फिशिंग


- टेलीफोन कॉल, इमेल रिक्वेस्ट पर ध्यान न दें. फायनैंशियल जानकारी न दें


- कभी भी उन इमेल्स पर क्लिक न करें जिसके बारे में आपको जानकारी नहीं या जो ऑफिशियल न हो


- हमेशा उन लोगों से ही बात करें जिनकी आवाज आप सुन सकते हों या देख सकते हैं.


- फेक वेबसाइट से बचने के लिए ऐसा सॉफ्टवेयर डालें जिससे ये पता चले कि कौन से वेबसाइट फेक है और कौन सी रियल.