नई दिल्ली: भारतीय स्मार्टफोन मार्केट में साल 2017 से लेकर साल 2018 उन स्मार्टफोन कंपनियों के लिए काफी अहम था जो यहां पैर जमाना चाहती थी. अब ये कंपनियां भारत की नंबर एक ब्रैंड बन चुकी है. इनमें शाओमी, वनप्लस, वीवो, ओप्पो जैसी कंपनियां शामिल हैं. मार्केट शेयर की बात करें तो शाओमी, वीवो और ओप्पो एकसाथ लगभग आधे मार्केट पर छाए हैं. 2018 के अंत तक इनका शेयर 46 प्रतिशत है. लेकिन इस बीच कुछ कंपनियां जो पहले से ही भारत में थी वो अब भारत छोड़ चुकी हैं. कारण है नई कंपनियों से मिलता टक्कर.
भारत को छोड़कर जाने वाली कंपनियों की लिस्ट में कुल 40 स्मार्टफोन कंपनियां है तो वहीं 15 ऐसे ब्रैंड्स हैं जो नए आइडिया की तलाश कर रही है. रिपोर्ट का खुलासा साइबर मीडिया रिसर्च ने किया है. विश्लेषकों का कहना है कि छोटे स्मार्टफोन मेकर्स का मार्केट शेयर खत्म करके ही ये ब्रैंड्स बड़े होते गए हैं. काउंटरपॉइंट रिसर्च का कहना है कि 2019 में भी इन पांच प्लेयर्स की वजह से करीब 15 स्मार्टफोन ब्रैंड्स को भारत छोड़कर जाना होगा.
सीएमआर की अगर रिपोर्ट की मानें तो 2019 में 10 बाहर जाने वाले ब्रैंड्स के बदले 9 ब्रैंड्स की एंट्री की उम्मीद की कर रहा है. सीएमआर का मानना है कि भारत में फिलहाल छोटे-बड़े मिलाकर करीब 200 स्मार्टफोन ब्रैंड्स हैं. 2014-15 में यह मार्केट पीक पर था, जब 300 से ज्यादा ब्रैंड्स यहां थे. ग्लोबल डिक्लाइन के बावजूद भारत सबसे तेजी से उभरता स्मार्टफोन मार्केट रहा, जिसके चलते ग्लोबल ब्रैंड्स ने यहां का रुख किया, लेकिन अब कॉम्पिटिशन तेजी से बढ़ा है.
काउंटरपॉइंट रिसर्च डेटा के मुताबिक, 2019 में भी 10 प्रतिशत ग्रोथ की उम्मीद की जा रही है. ग्लोबल स्मार्टफोन शिपमेंट में 2018 में 4 प्रतिशत की गिरावट आई, वहीं चाइना के शिपमेंट में 7 प्रतिशत गिरावट दर्ज की गई. माना जा रहा है कि 2019 में भी भारत में ग्लोबल शिपमेंट 3 प्रतिशत तक गिरेगा.