नई दिल्ली: व्हॉट्सएप दुनिया का सबसे बड़ा मैसेजिंग प्लेटफॉर्म है जिसने फेक न्यूज से लड़ने के लिए प्रिंट, टेलीविजन और रेडियो विज्ञापन पर पिछले पांच महीनों के भीतर कुल 120 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. दरअसल फेक मैसेज की वजह से देश में कुछ अफवाहों के कारण भीड़ द्वारा हत्या के कई मामले सामने आने के बाद सरकार ने कंपनी को नोटिस भेजे थे जिसके बाद मैसेजिंग प्लेटफॉर्म ने ये बड़ा कदम उठाया था.


ज्यादातर पैसे प्रिंट विज्ञापन पर खर्च किए गए हैं तो वहीं दूसरे फेज में इन विज्ञापनों को और बढ़ाया गया. लेकिन अब जहां लोकसभा चुनाव करीब है उसे देखते हुए व्हॉट्सएप ने फेक न्यूज से लड़ने के लिए कमर कस ली है. एक मीडिया एजेंसी अधिकारी ने कहा कि अगर विज्ञापनों को ऐसे ही चलाया गया तो मास मीडिया विज्ञापन और बढ़ सकते हैं. कैंपने का पहला फेज 10 जनवरी से शुरू होगा. वहीं आपको बता दें कि कोका- कोला ने भी पिछले साल के आईपीएल टूर्नामेंट में सिर्फ विज्ञापन पर ही 100 करोड़ रुपये खर्च कर डाले थे.


व्हॉट्सएप के एक प्रवक्ता ने कहा कि, ' हम ऐसे विज्ञापनों में ज्यादा से ज्यादा पैसे लगा रहें हैं. हमें पूरा भरोसा है कि ये देश के सभी लोगों तक पहुंचेगा. वहीं हम इसे 10 स्थानीय भाषा में भी लॉन्च करने वाले हैं. जो हमने विज्ञापन बनाए थे और देश के 100 मिलियन लोगों तक पहले ही पहुंच चुके हैं.


बता दें कि फेक न्यूज को लेकर सरकार और व्हॉट्सएप के बीच पहले भी कई विवाद देखे जा चुके हैं. जहां सरकार के जोर डालने के बाद व्हॉट्एस अब जरूरी कदम उठा रहा है. दुनियाभर में व्हॉट्सएप के यूजर्स की संख्या डेढ़ अरब है. भारत कंपनी के लिए सबसे बड़ा बाजार है. यहां व्हॉट्सएप का इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या करीब 20 करोड़ से अधिक है.