इस नए एप के इस्तेमाल के लिए आपके पास स्मार्टफोन क्या किसी भी तरह के फोन की जरुरत नहीं है. हां, आपके बैंक खाते से आपका आधार नबंर जरुर जुड़ा होना चाहिए. साथ ही दुकानदार के पास एक स्मार्टफोन और बॉयोमेट्रिक स्कैनर मशीन होनी चाहिए. फिंगरप्रिंट सेंसर वाला मोबाइल फोन हो तो स्कैनर की भी जरुरत नहीं होगी.
कैसे काम करेगा ये एप
- नए एप को यूआईडी , आईडीएफसी बैंक और नेशनल पेंमेंट कॉरपोरेशन यानी एनपीसीआई ने विकसित किया है.
- दुकानदार और कस्टमर को एप अपने स्मार्टफोन पर डाउनलोड करना होगा, ये एप गुगल के प्ले स्टोर पर उपलब्ध होगा.
- ग्राहक को अपना आधार नंबर और बैंक का नाम एप में बताना होगा.
- इसके बाद मोबाइल हैंडसेट से जुड़े बॉयोमेट्रिक स्कैनर पर अपना अंगूठा रखना होगा.
- अंगूठे के निशान से आपकी पहचान साबित होगी और भुगतान पूरा हो जाएगा.
- सबसे बड़ी बात ये है कि इस पूरे लेन-देन में किसी तरह का सर्विस चार्ज फिलहाल नहीं देना होगा.
यानी डिजिटल लेन-देन के लिए ना तो डेबिट कार्ड की जरुरत है, ना ही डेबिट कार्ड या फिर मोबाइल बटुए की. साथ ही आपको पिन यानी पर्सनल आइडेंटिफिकेशन नंबर भी देने की जरुरत नहीं होगी. सबसे बड़ी बात ये है कि बतौर ग्राहक आपको मोबाइल फोन भी नहीं रखना होगा.
आधार नंबर जारी करने वाली संस्था यूआईडी का कहना है कि देश के करीब-करीब सभी नौजवानों को आधार कार्ड जारी किए जा चुके हैं जबकि 40 करोड़ से भी ज्यादा बैंक खाते आधार से जुड़े हैं. ऐसे में नए एप के जरिए लेन-देन में भारी संभावनाए दिख रही है.यूआईडी का अनुमान है कि नए एप को अगले कुछ दिनो में 3 करोड़ दुकानदार इस्तेमाल करेंगे और इसकी बदौलत 25 से 30 करोड़ लोग खरीदारी कर सकेंगे इन सब की वजह से आधार के जरिए लेन-देन सवा करोड़ से छह गुना तक बढ़ सकता है.
देश में अब तक जारी करीब 94 करोड़ डेबिट कार्ड में करीब 74 करोड़ ही सक्रीय है. लेकिन इनमें भी हर 10 में से करीब नौ का इस्तेमाल सिर्फ एटीएम से पैसा निकालने या बैलेंश जानने में होता है, खरीदारी में नहीं. खरीदारी में इस्तेमाल नहीं होने की कई वजह है. मसलन, प्वाइंट ऑफ सेल्स यानी पॉस मशीन की कमी, सर्विस चार्ज, सुरक्षा को लेकर संदेह और इटंरनेट कनेक्टिविटी की दिक्कतें. देश में नकद रहित कारोबार को बढ़ावा देने में यही बातें बाधा बन रही है. लेकिन उम्मीद है कि ये बाधा जल्द ही दूर होगी और ये एक नए मोबाइल एप्ललिकेशन से मुमकिन होगा.