एडिलेड: आस्ट्रेलिया में 17 वर्षीय एक स्कूली छात्र ने नौकरी पाने के लिए एपल का सिस्टम ही हैक कर लिया. उसे उम्मीद थी कि कंपनी उसकी क्षमता से प्रभावित होकर नौकरी दे देगी. 'एबीसी डॉट नेट' के अनुसार, एडिलेड में रहने वाले छात्र ने मेलबर्न स्थित ने एक और बच्चे के साथ मिलकर एपल के मेनफ्रम को दिसंबर 2015 और फिर 2017 की शुरुआत में हैक किया था और आंतरिक दस्तावेजों एवं डाटा डाउनलोड किया था.
उसने कहा कि झूठे डिजिटल क्रेडेंशियल्स बनाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी में अपनी 'उच्च स्तर की विशेषज्ञता' का उपयोग किया, जिससे एपल के सर्वर को लगा कि वह कंपनी का एक कर्मचारी है. उसके कामों की रिपोर्ट फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआई) को दी गई, जिन्होंने ऑस्ट्रेलियाई फेडरल पुलिस (एएफपी) से संपर्क किया. किशोर के वकील मार्क ट्विग्स ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल को उस समय अपने काम की गंभीरता के बारे में पता नहीं था और उन्हें लगा कि कंपनी उन्हें नौकरी दे सकती है.
ट्विग्स ने कहा, "यह तब शुरू हुआ, जब मेरा मुवक्किल 13 साल का था. उसे अपराध की गंभीरता के बारे में नहीं पता था और उम्मीद थी कि जब इस बारे में सभी को पता चलेगा तब उसे कंपनी में नौकरी मिलेगी." वकील ने यह भी कहा कि एक ऐसा ही एक मामला यूरोप में हुआ था और हैकर को एपल में नौकरी मिल गई थी. उन्होंने कहा कि एपल को इस हैक से किसी प्रकार का वित्तीय या बौद्धिक नुकसान नहीं हुआ.
किशोर ने एडिलेड यूथ कोर्ट का सामना किया और कई कंप्यूटर हैकिंग के आरोपों को माना. मजिस्ट्रेट डेविड व्हाइट ने इस मामले में सजा नहीं सुनाई और उसे नौ महीने तक अच्छा व्यवहार रखने के लिए 500 डॉलर के बांड पर रखा.