नई दिल्लीः एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने उनके नेटवर्क से बाहर जाने वाली कॉल पर घंटी बजने का समय घटाकर अब सिर्फ 25 सेकेंड कर दिया है. आमतौर पर कॉल आने के समय बजने वाली फोन की घंटी की अवधि 40 से 45 सेकंड होती है. लेकिन प्रतिद्वंदी कंपनी रिलायंस जियो के साथ कॉम्पटीशन के चलते कंपनियों ने यह फैसला किया है.


एयरटेल और वोडाफोन आइडिया द्वारा उठाये गये इस कदम का एक मकसद कॉल जुड़े रहने के समय के मुताबिक उसपर लगने वाले इंटरकनेक्ट उपयोग शुल्क (आईयूसी) की लागत घटाना भी है. इंटरकनेक्ट उपयोग शुल्क किसी एक नेटवर्क को दूसरे नेटवर्क द्वारा दी जाने वाली सेवाओं पर दिया जाता है. इसमें जिस नेटवर्क से कॉल की जाती है वह कॉल पहुंचने वाले नेटवर्क को यह शुल्क अदा करता है. अभी इसकी दर छह पैसा प्रति मिनट है.


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भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने इंटरकनेक्ट शुल्क मामले में उसके किसी आधिकारिक फैसला पर पहुंचने से पहले आपस में कड़ी प्रतिस्पर्धा में उलझी दूरसंचार कंपनियों से सर्वसम्मति से किसी समाधान पर पहुंचने के लिए कहा था.



भारती एयरटेल ने क्या कहा
एयरटेल ने इस फैसले की जानकारी देने के निए ट्राई को 28 सितंबर को एक चिट्ठी भेजी है. वहीं सूत्रों ने जानकारी दी कि वोडाफोन आइडिया ने भी चुनिंदा परिक्षेत्रों में फोन की घंटी बजने की अवधि घटाने का फैसला किया है. एयरटेल ने कहा कि उसने फोन की घंटी बजने की अवधि को 25 सेकंड तक सीमित करने का फैसला किया है. जियो के ऐसा करने के बाद यह फैसला किया गया है. इससे ग्राहकों को असुविधा हो सकती है. नियामक की ओर से इस संबंध में कोई स्पष्ट निर्देश ना होने के चलते कंपनी के पास कोई और विकल्प नहीं बचा है. हालांकि, कंपनी नियामक के सामने इस बात को कई बार रख चुकी है.


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वोडाफोन-आइडिया का भी घंटी बजने का समय घटाने का फैसला
सूत्रों ने बताया कि वोडाफोन आइडिया ने भी चुनिंदा क्षेत्रों में फोन की घंटी बजने का समय घटाने का फैसला किया है. ट्राई से जुड़े सूत्रों ने बताया कि रेगुलेटर 14 अक्टूबर को ‘कॉल किए जाने वाले व्यक्ति के फोन की घंटी बजने की समयसीमा’ के मुद्दे पर एक खुली चर्चा कराने की योजना बना रहा है. इसके अलावा इस पूरे आईयूसी मुद्दे पर भी बातचीत होगी. इसके लिए एक डिस्कशन पेपर पहले ही जारी कर दिया गया है. इस पर जल्द फैसला किया जाएगा.


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एयरटेल ने अपनी चिट्ठी में कहा, ‘हालांकि हमने महसूस किया कि इससे ग्राहकों को परेशानी हो सकती है लेकिन ट्राई की ओर से कोई निर्देश नहीं होने और इंटरकनेक्ट शुल्क के घाटे से बचने के लिए हमारे पास कोई और ऑप्शन नहीं बचा है. इसलिए हमने हमारे नेटवर्क पर फोन की घंटी बजने की अवधि को घटाने का फैसला किया है.’


एयरटेल ने जियो के इस कदम के प्रभाव के बारे में बार-बार ट्राई को बताया है. कंपनी का कहना है कि फोन की घंटी बजने की अवधि कम करने से मिस्ड कॉल की संख्या बढ़ेगी. इससे किसी व्यक्ति को कॉल लगाने और साथ ही मिस्ड कॉल देखने के बाद वापस कॉल करने की संख्या भी बढ़ेगी. इससे ग्राहकों के अनुभव के साथ-साथ नेटवर्क की गुणवत्ता पर बुरा प्रभाव पड़ेगा.


पिछले महीने आईयूसी के मुद्दे को लेकर सभी कंपनियों का विवाद टेलीकॉम रेगुलेटर के पास तक पहुंच गया था. एयरटेल ने दूसरे नेटवर्क पर कॉल जुड़ने को पैसा कम चुकाने के लिए जियो पर सिस्टम के साथ ‘धोखाधड़ी’ करने का आरोप लगाया था. असलियत में आईयूसी को एक जनवरी, 2020 से खत्म किए जाने का प्रस्ताव है. लेकिन ट्राई इस समयसीमा की अभी समीक्षा कर रहा है.


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