नई दिल्ली: भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने शुक्रवार को रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) और रिलायंस जियो के खिलाफ भारती एयरटेल की शिकायत खारिज कर दी. आयोग ने कहा, "शिकायतकर्ता (एयरटेल) आरआईएल और जियो के मुफ्त सेवाओं को लेकर की गई अपनी शिकायत में स्वीकार्य अस्पष्टीकरण देने में नाकाम रहा है कि किस तरह जियो की मुफ्त सेवाएं प्रतिस्पर्धा कानून का उल्लंघन करती हैं."


सीसीआई ने कहा कि पहली नजर में रिलायंस जियो 'प्राइमरी प्राइसिंग सहित अनुचित मूल्य निर्धारण पर रोक लगाने' के (प्रतिस्पर्धा) अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने वाला नहीं लगता.


सीसीआई ने 17 पेज के आदेश में कहा कि जियो, आरआईएल के प्रतिस्पर्धी आचरण को अधिनियम की धारा 4 (2)(ई) का उल्लंघन नहीं माना जा सकता है, क्योंकि जियो ने 'भारी निवेश किया है'.


यह कहा गया है कि केवल भारी निवेश के आधार पर यह नहीं कहा जा सकता कि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड बाजार में अपनी स्थिति का बेजा फायदा उठा रही है, क्योंकि वह दूरसंचार सेवाएं नहीं दो रही है न ही इससे जुड़ी कोई गतिविधि करती है.


सीसीआई ने कहा, "अगर इस तरह के निवेश को प्रतिस्पर्धा के खिलाफ माना गया तो यह बाजार के विकास को सीमित करेगा."