नई दिल्ली: दिल्ली यूनिवर्सिटी के दो छात्रों को हाल ही में फेडेक्स ऑफिस से ड्रग ट्रेड केस में गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस के अनुसार दोनों डार्कनेट का इस्तेमाल बर्लिन और कैलिफोर्निया से ड्रग मंगवाने के लिए कर रहे थे. डार्कनेट आज भी इंटरनेट की दुनिया का एक ऐसा हिस्सा है जिसके बार में कई लोगों को नहीं पता. इसका इस्तेमाल ज्यादातर गलत काम के लिए किया जाता है. इसे स्पेशल सॉफ्टवेयर से ही खोला जा सकता है जो Tor और 12P नेटवर्क हैं.


आज इंटरनेट पर इतने सारे कंटेंट हैं जिसके बार में आपको जानकारी नहीं है तो वहीं गूगल भी आपको सिर्फ 4 प्रतिशत कंटेंट ही ऐसा दिखाता है जिसे आप गूगल कर सकते हैं. बाकी 96 प्रतिशत कंटेंट डीप वेब है जिसे आप गूगल जैसे सर्च इंजन की मदद से नहीं खोज सकते. इन कंटेंट को खोजने के लिए आपको अलग तरह के सर्च इंजन की जरूरत है. इसका इस्तेमाल ड्रग ट्रेड, देह व्यापार, औजार और दूसरी सीक्रेट चीजों के लिए किया जाता है.


हालांकि डार्कनेट को ब्राउज करना कोई गैरकानूनी नहीं है लेकिन इसका इस्तेमाल आपको जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा सकता है. बता दें कि डार्कनेट का इस्तेमाल कर रहे यूजर्स पर कई सारे एजेंसी की नजर रहती है जो आपको कभी भी गिरफ्तार कर सकती है. वहीं आप इसे गूगल की मदद से ब्राउज नहीं कर सकते. इसके लिए आपको TOR जिसे ऑनियन रिंग के नाम से भी जाना जाता है तो वहीं सर्च इंजन जैसे DuckDuck की मदद से भी आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं.


डार्कनेट पर आपको हर चीजों का एक अलग एप मिलेगा जैसे फेसबुक, एलो और दूसरे सोशल साइट्स. लोग अक्सर इन एप्स का इस्तेमाल करते हैं जिससे उन्हें कोई ट्रैक न कर सके. वहीं अगर आप कुछ भी सर्च करते हैं तो वो हिस्ट्री में नहीं आता है.


डार्कनेट एक ऐसा प्लेटफॉर्म बन चुका है जिसका इस्तेमाल चुपके से किया जा रहा है. इस प्लेटफॉर्म पर अगर आप किसी से डील करते हैं तो आपके कॉल डिटेल्स और आपकी जानकारी कभी शेयर नहीं होती. लेकिन हां यहां आपको कई लोगों का फोन नंबर मिल जाएगा. आसान शब्दों में कहा जाए तो ये एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां आपको दुनिया की सारी अवैध और विवादित चीजें मिल जाएंगी.