नई दिल्ली: अमेरिका की कंपनी एपल इंक अब दुनिया की पहली ऐसी कंपनी बन गई है जो 1 लाख करोड़ डॉलर की कंपनी हो गई है. ये रकम लगभग 68,620 अरब रुपये है. टेक कंपनी के शेयर 2.8 प्रतिशत से बढडकर 207.05 डॉलर हो गए जिससे कंपनी को 9 प्रतिशत का फायदा मिला. वहीं जून की जब बारी आई तो कहा गया कि कंपनी अपने 20 बिलियन डॉलर को वापस पाने में सफल हो गई है.
कंपनी को 1976 में स्टीव जॉब्स ने एक गराज के अंदर शुरू किया था. 2011 में उनके निधन के बाद से टिम कुक कंपनी के मुखिया हैं. दूसरे नंबर पर एमेजन है जिसका मार्केट कैप 869 अरब डॉलर है.
एपल इनसाइडर की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने 2018 की तीसरी तिमाही में कुल 4.18 आईफोन बेचे हैं. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि साल-दर-साल आधार पर एपल की सेल्स ग्रोथ रेट 3 फीसदी हो सकती है. कंपनी ने इस फाइनेंशियल ईयर की तीसरी तिमाही में 53.3 बिलियन डॉलर का रेवेन्यू हासिल किया है, जोकि एक साल पहले की तिमाही की तुलना में 17 फीसदी अधिक है. बताया जा रहा है कि इस तिमाही में एपल को सबसे ज्यादा रेवेन्यू सर्विसेज से मिला है, जिसमें एपल म्यूजिक, आईक्लाउड और एपल केयर शामिल है.
170 देशों की जीडीपी एपल की वैल्यू से कम
भारत की जीडीपी 2.6 ट्रिलियन डॉलर यानी की 179 लाक करोड़ रुपये है. एपल की मार्केट वैल्यू भारत की इकोनॉमी का 38 प्रतिशत है. दुनिया के 193 देशों में से सिर्फ 16 ही देश है जिनकी जीडीपी एपल के मार्केट कैप से ज्यादा है. मार्केट कैप के लिहाज से एपल भारत की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड से 10 गुना बड़ी है. रिलायंस का मार्केट कैप 7.4 लाख करोड़ रुपये का है.
कैसे एपल बनी इतनी बड़ी कंपनी?
ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि आईफोन के सभी मॉडल्स की कीमतों में 20 प्रतिशत का इजाफा हुआ है.अप्रैल-जून की तिमाही में कंपनी के आईफोन की बिक्री 1 फीसदी बढ़ गई है, लेकिन आय में भी 17 फीसदी का इजाफा हो गया है. रिसर्च फर्म काउंटर प्वाइंट की पिछले साल की एक रिपोर्ट बताती है कि आईफोन ने अपने हर आईफोन की बिक्री पर औसतन 9,600 रुपये का मुनाफा कमाया है.