दिग्गज कंपनी एपल की एक सीक्रेट टीम सेटेलाइट और उससे जुड़ी वायरलेस तकनीक पर काम कर रही है. इस तकनीक से कामकाजी लोगों को इंटरनेट कनेक्टिविटी में सुविधा हासिल होगी. यह बीम डेटा पर आधारित तकनीक है जिसके जरिए कनेक्टिविटी यूजर्स को उनके डिवाइस पर सीधे हासिल होगी.


कपर्टिनो स्थित आईफोन निर्माता के पास दर्जन भर इंजीनियर्स की टीम है जो एरोस्पेस, सेटेलाइट और एंटीना डिजानइ इंडस्ट्री से ताल्लकु रखते हैं, जो इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं. उन्हें इस प्रोजेक्ट को लगभग पांच सालों में पूरा करना है. ब्लूमबर्ग के मुताबिक इस प्रोजेक्ट को कंपनी अनदरूनी कर्मचारियों से भी राज रखा गया है.


इस प्रोजेक्ट पर कार्य अभी शुरुआती अवस्था में हैं. इस दिशा में अभी सेटेलाइट को फाइनल नहीं किया है. हालांकि, एपल के सीईओ टिम कुक इस प्रोजेक्ट में अपनी रूचि दिखा रहे हैं. उनके लिहाज से यह कंपनी की प्राथमिकताओं पर आधारित है.


एपल उन कम्यूनिकेशन सेटेलाइट पर काम कर रहा है जो नेक्स्ट जेनरेशन तकनीक बीम डेटा पर आधारित है जिसे यूजर्स की डिवाइस पर डायरेक्ट प्रोवाइड कराया जाएगा. परंपरागत नेटवर्क के बजाए इस तकनीक का इस्तेमाल यूजर्स के लिए ज्यादा सुविधा मुहैया करा सकता है. एपल अपने डिवाइस के जरिए सटीक जियो टैगिंग के लिए उपग्रहों की खोज कर सकता है, जिससे बेहतर नक्शे और नई सुविधाएं सक्षम हो सकती हैं.


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