नई दिल्ली: एपल हमेशा से ही अपने प्रोडक्ट के लिए जाना गया है लेकिन पिछले कुछ महीनों से ये कंपनी घाटे में चल रही है कारण है चीन और भारत. एपल को इन दोनों बड़े मार्केट्स से काफी नुकसान उठाना पड़ा है. जिसके बाद अब कंपनी ने भारतीय यूजर्स को झटका दिया है. कंपनी आईफोन 6 और 6 प्लस को अब भारत में नहीं बेचेगी तो वहीं उन छोटे दुकानों और आउटलेट्स को भी बंद करने की प्लानिंग की जा रही है जो एक महीने में 35 यूनिट नहीं बेच पाते.


ऐसा इसलिए किया जा रहा है जिससे एपल को भारत में फिर से वो पायदान हासिल हो सके जो पहले था. भारतीय मार्केट में कंपनी एंट्री आईफोन की कीमत को 5000 रुपये तक बढ़ा चुकी है जिसमें आईफोन 6 और 6s शामिल है.  साल 2014 में जब आईफोन 6 के 32 जीबी वेरिएंट को भारत में लॉन्च किया गया था तो उसकी कीमत 24,900 रुपये थी तो वहीं 6s की 29,900 रुपये. इसके बाद एपल ने एंट्री लेवल स्मार्टफोन की कीमत हमेशा ही बढ़ाई है. पिछले साल ये 21000 रुपये था.


एपल भारत में कुछ ट्रेड पार्टनर्स के साथ साझेदारी करना चाहता है जिससे बेचने के अनुभव को और अच्छा किया जा सके. इसमें छोटो स्टोर्स तो शामिल ही है लेकिन अब बड़े स्टोर्स पर भी फोकस किया जा रहा है.


कंपनी अब अपना डिस्ट्रीब्यूशन साझेदारी RP टेक के साथ इसी अप्रैल से तोड़ रही है तो वहीं अब Ingram Micro और Redington के साथ काम करेगी. पिछले साल एपल के भारत में पांच डिस्ट्रीब्यूटर्स थे. जहां पहले ही ब्राइटस्टार और एचसीएल इंफोसिस्टम के साथ साझेदारी को तोड़ दिया गया है. रिटेलर्स का मानना है कि आईफोन की सेल भारत में इसलिए गिर रही है क्योंकि फोन की कीमत काफी ज्यादा है. तो वहीं इंपोर्ट ड्यूटी पर भी इसकी कीमत काफी ज्यादा है. इसी को देखते हुए यूजर्स वनप्लस और सैमसंग का फोन खरीद रहे हैं.


आईफोन 6s को भारत में बनाया जाता है जिसे विंस्ट्रॉन बनाती है. ये कंपनी आईफोन SE के भी यूनिट्स बनाती है लेकिन बहुत कम और इसे ऑनलाइन ही बेचा जाता है. सरकार ने Winstron के 5000 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट पर मुहर लगा दी है जहां अब देश में हाय एंड आईफोन का निर्माण किया जाएगा.