नई दिल्लीः फर्जी खबरों को रोकने और व्यवस्था कायम रखने के लिए सरकार को मोबाइल एप्लिकेशंस को ब्लॉक करने के बजाए अधिक प्रभावी कदमों पर विचार करना चाहिए, क्योंकि मोबाइल एप को रोकना न सिर्फ बेहद कठिन है, बल्कि इससे निर्दोष लोगों के नियमित काम में भी बाधा आएगी. ये बात सीओएआई ने मंगलवार को यह बात कही.


सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) के महानिदेशक राजन एस. मैथ्यूज का यह बयान दूरसंचार विभाग (डीओटी) द्वारा दूरसंचार कंपनियों को यह निर्देश देने के बाद आया है कि वे फेसबुक, वॉट्सएप, टेलीग्राम और इंस्टाग्राम जैसे सोशल नेटवर्क समेत अन्य को राष्ट्रीय सुरक्षा या व्यवस्था संबंधी खतरे की स्थिति में ब्लॉक करने का तरीका ढूंढ़े.


मैथ्यूज ने कहा, "हमारा मानना है कि एप्लिकेशन के स्तर पर प्रतिबंधित करना अगर असंभव नहीं है तो भी यह बहुत-बहुत अधिक मुश्किल है. इसलिए हमें मुद्दे से निपटने के लिए अधिक प्रभावी तरीके की खोज करनी चाहिए."


उनका मानना था कि सोशल मीडिया एप्लिकेशन को अवरुद्ध करने से वे लोग भी प्रभावित होंगे, जिनका कोई गलत इरादा नहीं है. मैथ्यूज ने कहा कि सीओएआई ने डीओटी को बता दिया है कि कुछेक एप्स को ब्लॉक करने से ज्यादा नुकसान हो सकती है, क्योंकि लोग 'बैंकिंग सेवाओं, ट्रेन और एयरलाइन टिकटों' के लिए ऐसे एप्स पर भरोसा करते हैं.


हालांकि, उन्होंने कहा कि अगर सुरक्षा चिंताओं के लिए सरकार ऑपरेटरों को एप्स को ब्लॉक करने के लिए कहती है, तो उन्हें राष्ट्रीय हितों के कारण नियमों का पालन करना होगा.