डिजिटल पेमेंट ने बढ़ा दी है देश में पॉस मशीन की मांग!
नई दिल्लीः देश में नोटबंदी के बाद से कार्ड के ज़रिए पेमेंट बड़ गयी। वहीं इस कार्ड पेमेंट के लिए ज़रूरी पीओएस मशीन की माँग भी पाँच गुना बड़ गयी। वहीं पीओएस मशीन बनानेवाली कंपनी के मुताबिक़ इनकी पाँच गुना बड़ गयी है.
नोटबंदी के बाद कैश की किल्लत ने डिजिटल पेमेंट में जबरदस्त तेज़ी ला दी है. नोटों की कमी के कारण लोगों ने अपने डेबिट और क्रेडिट का इस्तेमाल बढ़ा दिया, कार्ड पेमेंट का इस्तेमाल बढ़ा तो ज़ाहिर है उस प्वाइंट ऑफ सेल्स मशीन यानी पॉस मशीन की भी मांग बढ़ी जिसके ज़रिए कार्ड पेमेंट किया जाता है.
8 नवम्बर को जहां क्रेडिट या डेबिट कार्ड के जरिए पॉस मशीन पर औसतन हर दिन 1221 करोड़ रुपये का लेन-देन होता था, वो 26 दिसंबर को बढकर 1751 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, यानी नोटबंदी के बाद पॉस मशीनों के जरिए पेमेंट में 43 फीसदी का इजाफा हुआ है
पीओएस मशीन बनाने वाली कंपनियों के मुताबिक़ पहले जहाँ सिर्फ़ बड़े दुकानदार या मॉल वाले ही इन मशीनों को माँगते थे, पर अब छोटे दुकानदार भी पोस मशीनों की मांग कर रहे हैं.
पाइनलैब की बात करें तो जहां पहले महीने में पांच हज़ार मशीनें बिकती थी. अब ननंबर के बाद ये आंकड़ा 30 हज़ार तक पहुंच गया है, पहले हर साल औसतन दो से तीन लाख मशीनों की मांग थी पर अब कंपनियों के मुताबिक अगले एक से दो साल में ये मांग 10 लाख तक पहुंच सकती है.
कंपनी को मशीन के बारे में जानकारी और लगवाने के लिए रोज़ाना तीन हज़ार से भी ज्यादा कॉल्स आ रही हैं, ज़ाहिर है सरकार डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दे रही है, इसलिए आने वाले वक्त में ऐसी मशीनों को और ज्यादा ज़रूरत पड़ने वाली है.