नई दिल्लीः टेलीकॉम रेगूलेटरी ट्राई चीफ के हैकिंग चैलेंज विवाद के बाद अब आधार की मॉनिटरिंग बॉडी यूआईडीएआई ने एक एडवाइजरी जारी की है. इस एडवाइजरी में लोगों को अपना आधार नंबर सोशल मीडिया या इंटरनेट के किसी प्लेटफॉर्म पर शेयर करने से मना किया गया है.


UIDAI ने ट्वीट करते हुए कहा है, ''लोगों को अपने आधार नंबर को किसी भी पब्लिक प्लेटफॉर्म, सोशल मीडिया और इंटरनेट पर पोस्ट नहीं करना चाहिए.'' इस एडवाइजरी को ऐसे वक्त में जारी किया गया है जब ट्राई चीफ आरएस शर्मा के आधार नंबर से एक फ्रेंच हैकर ने उनकी व्यक्तिगत जानकारी हासिल कर इसे सार्वजनिक कर दी. इस वाकया के संदर्भ में UIDAI ने कहा, ''ऐसी गतिविधियां उचित नहीं होती और ऐसा करने से बचना चाहिए. कानून के मुताबिक ऐसा करना ठीक नहीं है. आधार एक विशेष पहचान है जिसके जरिए किसी की पहचान करके उसे कई विभिन्न तरह के फायदे, सब्सिडी दी जाती है. किसी और के आधार का इस्तेमाल करना धोखाधड़ी माना जाता है जिसके लिए ऐसा करने वालों को आधार एक्ट और आईपीसी के तहत सजा मिलने का प्रावधान है.''


कैसे शुरु हुआ ये विवाद?


दरअसल, टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया यानी की ट्राई के अध्यक्ष आरएस शर्मा ने शनिवार को अपना आधार नंबर एक चैलेंज के साथ ट्वीट किया और लिखा कि अब कोई भी इस नंबर का गलत इस्तेमाल करके दिखाए और निजी जानकारी लीक कर दिखाए. इलियट एल्डरसन नाम के फ्रांस के एक सुरक्षा विशेषज्ञ '@एफएसओसी131वाई' ने शर्मा के आधार नंबर के जरिये उनके निजी जीवन से जुड़े कई आंकड़े जुटाकर सार्वजनिक कर दिए. इसमें शर्मा का पता, जन्मतिथि, वैकल्पिक फोन नंबर आदि शामिल है. उन्होंने इन आंकड़ों को जारी करते हुए शर्मा को बताया कि आधार संख्या को सार्वजनिक करने के क्या खतरे हो सकते हैं.


एल्डरसन ने लिखा, "आधार संख्या असुरक्षित है. लोग आपका निजी पता, वैकल्पिक फोन नंबर से लेकर काफी कुछ जान सकते हैं. मैं यही रुकता हूं. मैं उम्मीद करता हूं कि आप समझ गए होंगे कि अपना आधार संख्या सार्वजनिक करना एक अच्छा विचार नहीं है." फ्रेंच सिक्योरिटी रिसर्चर के इस जवाब के बाद शर्मा ने न तो लोगों के कॉल का जवाब दिया और नहीं किसी मैसेज का.


शर्मा का चैलेंज ऐसे वक्त में आया है जब श्रीकृष्णा कमेटी ने डेटा प्रोटेक्शन को लेकर अपनी रिपोर्ट सौंपी है. इस रिपोर्ट में आधार कार्ड की सुरक्षा को लेकर भी जानकारी दी गई है.