नई दिल्ली: साल 1926 में Collier मैगजिन को दिए गए एक इंटरव्यू में प्रसिद्ध वैज्ञानिक और आविष्कारक निकोला टेस्ला ने एक टेक्नोलॉजी के बारे में बात की थी जो आने वाले समय में दुनिया को पूरी तरह से बदल देगी. उनके शब्द कुछ इस प्रकार थे, ' जब वायरलेस को इस दुनिया में लागू किया जाएगा तो ये एक बड़े मस्तिष्क में बदल जाएगा. इसकी मदद से हम एक दूसरे से कहीं भी रहकर बात कर पाएंगे. यही नहीं बल्कि टीवी और टेलीफोन के जरिए भी हम कई हजार किलोमीटर दूर से भी लोगों से संपर्क कर पाएंगे. और जो उपकरण अभी हमारे पास है उसे हम थोड़े समय बाद अपने पॉकेट में लेकर घूमेंगे.'
पहला फोन और पहला स्मार्टफोन
टेस्ला ने जो भी बाते कहीं थी वो सभी सच हुई और आज हम ऐसी दुनिया में जी रहें हैं जहां बिना स्मार्टफोन के हमारी जिंदगी अधूरी सी लगती है. दरअसल स्मार्टफोन का आविष्कार एक रात में नहीं हुआ. तो वहीं आप लोगों की जानकारी के लिए ये बता दें कि स्मार्टफोन और एक फोन में अंतर होता है. पहला फोन साल 1973 में मोटोरोला के John F.Mitchell और Martin Cooper ने बनाया था. हैंडसेट का वजन 2 किलो था. तो वहीं पहले स्मार्टफोन को IBM ने 16 अगस्त 1994 में बनाया था जिसका नाम Simon था. इस फोन की मदद से आप ईमेल भेज सकते थे, स्टायलस की मदद से टच कर सकते थे, कैलेंडर देख सकते थे, वर्ल्ड टाइम क्लॉक चेक कर सकते थे तो वहीं एड्रेस बुक पर नजर डाल सकते हैं. लेकिन आप इस स्मार्टफोन में इंटरनेट नहीं चला सकते थे कारण था NCSA का Mosaic ब्राउजर एक साल पहले ही आया था जिसमें घरेलू कंप्यूटर के इस्तेमाल के लिए अनुकूल बनाया जा रहा था.
लेकिन लोगों ने उस वक्त अपने सपने में भी नहीं सोचा था कि ठीक 45 साल बाद यानी की साल 2018 में इस दुनिया में एक ऐसा फोन आएगा जो किसी नोटबुक की तरह बीच से मुड़ जाएगा उसके दो स्क्रीन होंगे तो वहीं ये स्मार्टफोन कई बेहतरीन फीचर्स से लैस होगा. जी हां हम यहां बात कर रहें हैं दुनिया के पहले फोल्डेबल स्मार्टफोन की. आज हमारे आसपास कई सारी ऐसी कंपनियां हैं जो ढेर सारे स्मार्टफोन लॉन्च कर रहीं हैं तो वहीं उनके फीचर्स भी ऐसे जो किसी दूसरी कंपनी के स्मार्टफोन्स को पीछे छोड़ दे.
आज के स्मार्टफोन में क्या है खास?
आज जो भी स्मार्टफोन लॉन्च हो रहें हैं उनमें रोजाना नए फीचर्स का इस्तेमाल किया जा रहा है जिससे वो दूसरे फोन के मुकाबले अलग दिखें. जैसे पतला डिजाइन, नॉच, एंड्रॉयड का लेटेस्ट वर्जन, ज्यादा मेगापिक्सल वाला कैमरा, पोट्रेट मोड, बड़ी बैटरी, 4 कैमरे वाला फोन और दूसरे फीचर्स. हम फिलहाल एक स्क्रीन वाला फोन इस्तेमाल कर रहें हैं तो वहीं ये फोन इतने छोटे हैं कि हम इन्हें अपने पॉकेट में लेकर घूम सकते हैं. लेकिन यहां सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि क्या हमें सच में फोल्डेबल स्मार्टफोन की जरूरत है?
फोल्डेबल स्मार्टफोन
पिछले कुछ समय से लगातार हम इस चीज के बारे में सुन रहें हैं कि जल्द ही हमारे हाथों में फोल्डेबल फोन आने वाले हैं. यानी की वो फोन जो किसी नोटबुक की तरह होंगे जिन्हें बीच से मोड़ा जा सकेगा तो वहीं उन्हें टैब की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकेगा. इस फोन के दोनों तरफ स्क्रीन होंगे. लेकिन अभी तक हम सिर्फ फोल्डेबल OLED डिस्प्ले ही देख पाएं हैं. लेकिन कुछ दिन पहले सैमसंग ने डेवलपर कॉन्फ्रेंस में अपना फोल्डेबल स्मार्टफोन दिखाया जिसका नाम था ' इंफिनिटी फ्लेक्स डिस्प्ले'. फिलहाल इस फोन का पहला लुक दिखाया गया और जिसे अभी बनाया ही जा रहा है और शायद मार्च में इस फोन को लॉन्च भी कर दिया जाए.
सैमसंग ने इवेंट के दौरान ये भी कहा कि वो पहली ऐसी कंपनी है जो फोल्डेबल स्मार्टफोन लेकर आ रही है. लेकिन इस कंपनी से ठीक पहले एक चीनी कंपनी ने इस फोन को दुनिया के सामने पेश कर दिया. कंपनी का नाम है रॉयल कॉर्पोरेशन और फोन का नाम है फ्लेक्सपाई (FlexPai). जानकारी के लिए बता दें कि ये पहला फोल्डेबल स्मार्टफोन है, जी हां सैमसंग से भी पहले.
क्यों हमें फोल्डेबल स्मार्टफोन पसंद नहीं आएंगे
'फोल्डेबल स्मार्टफोन' नाम से काफी बेहतरीन लग रहा है लेकिन क्या सच में इस फोन को हम पसंद कर पाएंगे? शायद नहीं. कारण इसका डिजाइन और इसका बड़ा लुक. आज हमें ऐसे फोन पसंद आते हैं जो छोटे हों, जिनका डिजाइन पतला हो और जो कूल दिखे. फोल्डेबल फोन बीच से मुड़ता तो जरूर है लेकिन ये इतना मोटा है कि आप इसे पॉकेट में नहीं रख सकते. इसके स्क्रीन का थोड़ा हिस्सा फोल्ड होने में ही चला जाता है तो वहीं इसके बड़े बेजेल्स इस फोन के लुक को और बेकार बनाते हैं. फोन में आपको सारे फीचर्स तो जरूर मिलेंगे जैसे 128 जीबी का स्टोरेज, कैमरा और दूसरी चीजें लेकिन फोन की कीमत 1 लाख रुपये के पार होगी. तो क्या सच में कोई इस जमाने में इतना मोटा और बीच से मुड़ने वाला फोन लेगा जिसकी कीमत 1 लाख रुपये से ज्यादा होगी. शायद नहीं.
दूसरी तरफ फोन की बैटरी, जी हां आज हमें ऐसे फोन चाहिए जिनकी बैटरी बड़ी हो और हमें उसे बार- बार चार्ज न करना पड़े. बड़े फोन में बैटरी कम दी जाती है और कुछ ऐसा ही फोल्डेबल फोन के साथ भी हो सकता है. क्योंकि इसका डिस्प्ले इतना बड़ा है कि इसकी बैटरी की खपत भी काफी ज्यादा होगी.
या फिर ये फोन लाएगा बदलाव?
लेकिन यहां हमें ये भी नहीं भूलना चाहिए कि स्मार्टफोन की दुनिया में अब लोग कुछ नया तलाश रहें हैं और शायद ये फोन टेक्नोलॉजी की दुनिया बदल दे. क्योंकि पिछले साल के मुकाबले इस साल स्मार्टफोन शिपमेंट में 1.8 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है. ये रिसर्च IDC फर्म की तरफ से आया है. तो आप कह सकते हैं कि हमें कुछ नया चाहिए. खैर, जबतक ये फोन लॉन्च नहीं हो जाता हम इस टेक्नोलॉजी के बारे में ज्यादा कुछ नहीं कह सकते. क्योंकि हमें नहीं पता ये कैसा होगा, इसमें एप्स कैसे काम करेंगे, ये हमारे पॉकेट में कैसा महसूस होगा और दूसरी चीजें. लेकिन हमें सैमसंग और रॉयल कॉर्पोरेशन का धन्यवाद करना चाहिए जिन्होंने हमें इतनी बेहतरीन टेक्नोलॉजी से परिचय कराया, जन्म दिया और दुनिया को स्मार्टफोन का एक और रुप दिखाया.
यहां देखें फोल्डेबल फोन का वीडियो: