अब बालकनी में लगवानी पड़ सकती है घंटी, ऑस्ट्रेलिया में सबसे पहले शुरू हुई ‘ड्रोन से डिलीवरी’, Alphabet ने किया लॉन्च
ऑस्ट्रेलिया दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है जहां ड्रोन से खाने या सामान की डिलीवरी करने के लिए आधिकारिक मंजूरी दे दी गई है. ड्रोन कंपनी ‘विंग’ गूगल की मातृ कंपनी एल्फाबेट से ही निकली है.
नई दिल्ली: हो सकता है कि जल्द ही आपको अपनी बालकनी में भी घंटी लगवानी पड़े, क्योंकि वह दिन दूर नहीं जब आपके घर पर खाने या सामान की डिलीवरी दरवाजे की घंटी बजाकर नहीं बल्कि बालकनी में ड्रोन से होने लगे. ऑस्ट्रेलिया दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है जहां ड्रोन से खाने या सामान की डिलीवरी करने के लिए आधिकारिक मंजूरी दे दी गई है.
ऑस्ट्रेलिया के विमानन नियामक नागर विमानन सुरक्षा प्राधिकरण ने मंगलवार को कहा, ‘‘हमने विंग एविएशन प्राइवेट लिमिटेड को उत्तरी कैनबेरा में जारी ड्रोन से डिलीवरी को मंजूरी दे दी है.’’ ड्रोन कंपनी ‘विंग’ गूगल की मातृ कंपनी एल्फाबेट से ही निकली है. विंग ने कहा कि वह पिछले 18 महीने से ड्रोन से आपूर्ति का परीक्षण कर रही है और अब वह इस सेवा को पूरे समय चलाने में सक्षम है.
कंपनी ने बताया कि वह ड्रोन से खाने-नीले, दवाओं और स्थानीय स्तर पर बनी कॉफी और चॉकलेट की आपूर्ति कर रही है. अब तक करीब 3,000 से ज्यादा डिलीवरी की गई है और नियामकों ने इस व्यवस्था को सुरक्षित पाया. कंपनी ने कहा कि उसे दिन में 11 से 12 घंटे ड्रोन से डिलीवरी करने की अनुमति मिली है. यह सभी ड्रोन विमान भी रिमोट से चलाए जाने वाले होने चाहिए ना कि खुद से चलने वाले.
विंग का कहना है कि इस सुविधा से यातायात और प्रदूषण में कमी आएगी. साथ ही समय की भी बचत होगी.