नई दिल्लीः भारतीय टेलीकॉम सेक्टर में 2जी और 3जी के बाद अब 4जी की धूम है. तमाम कंपनियां अपने ग्राहकों को इंटरनेट और वॉइस-वीडियो की बेहतरीन सुविधा उपलब्‍ध कराने के लिए 4जी बैंड को तेजी से बढ़ाने करने में लगी हैं. मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो के बाजार में आने के बाद से इस क्षेत्र में कड़ी टक्कर शुरु हो चुकी है. जिसका ग्राहकों को भरपूर लाभ भी मिल रहा है. ऐसे में यह खबर उपभोक्‍ताओं को और रोमांचित कर सकती है. जी हां, अब भारत में मोबाइल नेटवर्क फोन कनेक्टिविटी को अगले स्‍तर पर ले जाने की तैयारी शुरू हो गई है. हम बात कर रहे हैं 5G तकनीक की.


स्वीडेन की दूरसंचार उपकरण बनाने वाली कंपनी एरिक्सन ने भारत में 5जी तकनीक के लिए आईआईटी दिल्ली से हाथ मिलाया है. कंपनी ने कहा, ‘‘एरिक्सन और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-दिल्ली (आईआईटी दिल्ली) ने ‘भारत के लिए 5जी’ तकनीक लाने के लिए समझौता किया है.’’


इस समझौते के तहत एरिक्सन 5जी के परीक्षण की सुविधा वाला एक उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करेगी साथ ही आईआईटी-दिल्ली में एक इंक्यूबेशन सेंटर की भी स्थापना करेगी और इनका उपयोग देश में 5जी के लिए वातावरण निर्माण में करेगी. इसके तहत परीक्षणों की पहली सीरीज 2017 की दूसरी छमाही में शुरू होगी. 2020 तक 5जी के कॉमर्शियल तौर पर उपलब्ध होने की उम्मीद है.


आपको बता दें कि फिनलैंड की कंपनी नोकिया और भारत की सबसे बड़ी दूरसंचार प्रदाता कंपनी भारती एयरटेल ने बुधवार को इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) सक्षम डिवाइसों के लिए 5G तकनीक के नेटवर्क के विकास के लिए रणनीतिक भागीदारी की घोषणा की.