नई दिल्लीः साइबर सिक्योरिटी फर्म पालो अल्टो नेटवर्क ने भारत के निकेश अरोड़ा को कंपनी का नया चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर (सीईओ) नियुक्त किया है. अरोड़ा को कंपनी ने 12.8 करोड़ डॉलर लगभग 858 करोड़ रुपये का पैकेज दिया है और इस पैकेज के साथ ही वो दुनिया के सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाले सीईओ की लिस्ट में शुमार हो गए हैं.


50 साल के अरोड़ा ने मार्क मिकलॉकलीन जगह ली है. जो पिछले सात सालों से पालो अल्टो के सीईओ के पद पर बने हुए थे. निकेश अरोड़ा सीईओ के साथ ही इस ग्रुप के नए चेयर मैन भी बन गए हैं वहीं मार्क मिकलॉकलीन बतौर वाइस चेयरमैन कंपनी के साथ जुड़े हुए हैं.


टीम कुक और बॉब लेज़र की लीग में शामिल हुए अरोड़ा
12.8 करोड़ डॉलर का पैकेज पाने वाले निकेश अरोड़ा एपल के सीईओ टीम कुक जितनी सैलरी पा रहे हैं. सिलिकन वैली में उन्हें इस पैकेज ने दुनिया के टॉप सीईओ टिम कुक (एपल) और बॉब लेज़र (वॉल्ट डिजनी) की लीग में शामिल कर दिया है. साल 2017 में टिम कुक ने कुल 12,825,066 डॉलर कमाए थे.


निकेश अरोड़ा का सालाना वेतन
निकेश का सालाना वेतन 1 मिलियन डॉलर यानी लगभग 6.7 करोड़ रुपये होगा और इतना ही उन्हें बोनस मिलेगा. इसके साथ ही उन्हें 40 मिलियन डॉलर यानी 268 करोड़ रुपए के रिस्ट्रीक्टेड शेयर मिलेंगे जिन्हें वो सात साल तक नहीं बेच सकेंगे.


ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक इनके अलावा अगर निकेश, पालो अल्टो के शेयर की क़ीमत अगले सात सालों के भीतर कम से कम 150 फ़ीसदी बढ़ाने में कामयाब रहते हैं तो उन्हें 40 मिलियन यानी 442 करोड़ रुपये और मिलेंगे. इतना ही नहीं वे चाहें तो पैसे से पालो अल्टो नेटवर्क के 134 करोड़ रुपए तक के शेयर ख़रीद सकते हैं और इतनी ही क़ीमत के शेयर उन्हें एक्स्ट्रा दिए जाएंगे जिसे वो अगले सात सालों तक बेच नहीं सकते.


इससे पहले गूगल और सॉफ्ट बैंक में कर चुके हैं काम
निकेश अरोड़ा ने साल 2004 में गूगल कंपनी ज्वाइन की. गूगल में वे कई ऑपरेशन के लीडर के तौर पर काम करते रहे. साल 2004 से 2007 के बीच वे गूगल के यूरोप ऑपरेशन के वाइस प्रेसिडेंट रहे. इसके बाद अफ्रीका रिजन के लिए साल 2009 तक काम किया. साल 2009 से 2010 तक वे गूगल के ग्लोबल बिजनेस डेवपमेंट के प्रेसिडेंट रहे. 2011 में वो गूगल में चीफ़ बिज़नेस ऑफिसर बन गए और इसके साथ ही वो उस लीग में आ गए जिन्हें गूगल सबसे ज्यादा सैलरी देता है. साल 2014 में अरोड़ा ने गूगल की नौकरी छोड़ दी.


इसके बाद निकेश ने बतौर सीओओ (चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर) सॉफ़्ट बैंक ज्वाइन किया था और यहां उन्हें दो सालों में 200 मिलियन डॉलर का कंपेंसेशन पैकेज मिला. निकेश यहां जून 2016 तक रहे थे. अब जून 2018 में उन्होंने पालो अल्टो का हाथ थामा है.


कौन हैं निकेश अरोड़ा?
निकेश अरोड़ा का जन्म 6 फरवरी 1968 को उत्तर प्रदेश के गाजि‍याबाद में हुआ. निकेश के पिता इंडियन एयरफ़ोर्स में अधिकारी थे. उन्होंने दिल्ली के एयरफ़ोर्स के स्कूल से पढ़ाई की. उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग आआईटी वाराणसी (बीएचयू) से साल 1989 में किया. आईआईटी की डिग्री के बाद उन्हें विप्रो में नौकरी मिली लेकिन उन्होंने जल्द ही ये नौकरी छोड़ दी औऱ आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका की बोस्टन यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया. इसके बाद उन्होंने अमेरिका नॉर्थ-ईस्टर्न यूनिवर्सिटी से एमबीए की डिग्री ली.