नई दिल्ली: व्हॉट्सएप पर भेजा गया एक सिंगल मैसेज 10 से 15 दिन तक लगातार शेयर होने के बाद किसी व्यक्ति की जान ले सकता है. जी हां ये आज के भारत की कहानी है जहां एक मैसेज किसी की जान ले सकता है. पिछले 4 महीने में देश में 29 निर्दोष नागरिकों को अफवाह से गुमराह लोगों ने पीट पीट कर मार डाला है.


व्हॉट्सएप पर एक यूजर क्या कर सकता है?


व्हॉट्सएप एक फ्री डाउनलोड मैसेंजर है जहां आप आसानी से टेक्स्ट और ऑडियो विजुअल कंटेट भेज और शेयर कर सकते हैं. बता दें कि भारत में व्हॉट्सएप का इस्तेमाल कुल 200 बिलियन लोग करते हैं. ये एप आपको फ्री ऑडियो और वीडियो कॉलिंग की भी सुविधा देता है.


किस मैसेज को व्हॉट्सएप पर फैलाया जा रहा है?


व्हॉट्सएप पर मॉब लिंचिंग को लेकर मैसेज शेयर किए जा रहे हैं जहां अभी तक पिछले चार महीनों में कुल 29 लोगों को जान जा चुकी है. मैसेज शेयर में जिस चीज का सबसे ज्यादा नाम आ रहा है वो बच्चों की किडनैपिंग है जिसकी वजह से अभी तक कई अंजान व्यक्तियों पर हमले किए जा चुके हैं. पुलिस ने इस मामले में कहा है कि हमारे लिए लोगों को इस झूठे मैसेज के बारे में बताना काफी कठिन है.


बच्चा चोरी की ही अफवाह क्यों?









गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2014 में बच्चा चोरी के 37 हजार 854 मामले सामने आए थे. 2015 में ये बढ़कर 41,893 हो गए और 2016 में बच्चा चोरी की घटनाएं 30 फीसदी बढ़ गई, ये आंकड़ा 54 हजार 723 तक पहुंच गया. इसका मतलब है कि बच्चा चोरी के पीछे सिर्फ अफवाह नहीं है, अफवाह के इस धुएं के पीछे बच्चा चोरी की वारदात हैं जिनकी पुष्टि ये आंकड़े कर रहे हैं.







सुप्रीम कोर्ट ने क्या किया?


अफवाहों और शक की बुनियाद पर देश में बढ़ती मॉब लिंचिंग की घटनाओं को देखते हुए चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने राज्य सरकारों को झाड़ लगाई है. उन्होंने कहा है कि राज्य यह सुनिश्चित करे की इस तरह की घटना न हो. साथ ही सीजेआई ने कहा कि भीड़ की हिंसा के शिकार बने पीड़ित को धर्म या जाति से नहीं जोड़ा दाए. पीड़ित पीड़ित होता है.


कहां कहां हुई मॉब- लिंचिंग?


रविवार को ही भीड़ ने महाराष्ट्र के धुले में पांच लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. वहीं सोमवार को महाराष्ट्र के ही नासिक में तीन लोगों पर भीड़ ने हमला कर दिया. ये सब हो रहा है एक शक के कारण. शक ये कि कुछ लोग बच्चा चोरी कर रहे हैं. दरअसल महाराष्ट्र, असम सहित कुछ राज्यों में व्हॉट्सएप पर एक मैसेज फॉर्वर्ड किया जा रहा है कि कुछ लोग इलाके से बच्चा चोरी कर रहे हैं. ये मैसेज पढ़ने के बाद अपने इलाके में कुछ अजनबी लोगों को बच्चा चोर होने के शक में भीड़ ने पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया. व्हॉट्सएप पर झूठी अफवाहें लोगों को हत्यारी भीड़ में तब्दील कर दे रही हैं. एक महीने में 20 जानें अफवाहों ने ले ली है जिनमें बच्चा चोरी की अफ़वाह से गई जानों की संख्या सबसे ज़्यादा है.


सरकार का बयान

पिछले चार महीनों में 29 मॉब लिंचिंग की घटनाएं सामने आई हैं. बच्चा चोरी की अफवाहों ने सबसे ज्यादा लोगों की जाने ली हैं. इस पूरे मामले पर अब केंद्र सरकार हरकत में आई है. देश के आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने व्हॉट्सएप को मंगलवार को नोटिस भेजा जिसके जवाब में व्हॉट्सएप ने जल्द नया फीचर लाने का आश्वासन दिया है.

आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बतााया, '' व्हॉट्सएप को हमने एक नोटिस कल भेजा. लिंचिंग आदि की घटनाओं में व्हॉट्सएप के ज़रिए पिछले दिनों काफ़ी उकसावे का काम हुआ है. व्हॉट्सएप को उत्तरदायी और सावधान रहना है. उनको अपने प्लेटफ़ॉर्म के प्रति ज़िम्मेदार होना होगा. वो ये नहीं कह सकते कि हमने तो प्लेटफ़ॉर्म बना दिया हम क्या करें? व्हॉट्सएप ने कैलिफ़ोर्निया से जवाब दिया है और हमें आश्वस्त किया है कि वो सावधानी के लिए नए फ़ीचर लाएंगे ताकि बिना पढ़े मेसेज फ़ारवर्डिंग को चेक किया जा सके और भड़काऊं मैसेज को रोका जा सके.

महाराष्ट्र पुलिस ने उठाया कदम


महाराष्ट्र पुलिस के 2.2 लाख पुलिसकर्मी और मुंबई पुलिस के 50000 पुलिसकर्मी अब व्हॉट्सएप ग्रुप पर ज़्यादा से ज़्यादा नज़र बनाए रखेंगे ताकि राज्य में दोबारा धुले जैसी घटना ना हो सके. क़ानून के जानकारों के मुताबिक ऐसे अफ़वाह फैलाना एक क़ानून जुर्म है और ऐसे करनेवालों के आईपीसी की धारा 505 और आईटी एक्ट के सेक्शन 66,67 के तहत तान साल तक की सज़ा हो सकती है.


व्हॉट्सएप का बयान


देश में बढ़ते फेक न्यूज के परिणाम पर व्हॉट्सएप के प्रवक्ता ने कहा, ''व्हॉट्सएप लोगों की सुरक्षा और उनके स्वतंत्र कम्यूनिकेशन का ख्याल रखता है. हम नहीं चाहते कि व्हॉट्सएप को नुकसान पहुंचाने वाले सर्विस के तौर पर इस्तेमाल की जाए. ये एक ऐसा चैलेंज है जो कंपनी और समाज को संबोधित करना है.'' कंपनी ने आगे कहा कि जल्द ही ऐसी व्यवस्था होगी जिसके तहत फेक मैसेज को पहचाना जा सकेगा. व्हॉट्सएप ने आगे कहा कि जब भी कोई व्यक्ति कोई मैसेज भेजेगा तो अलग से हाईलाइट होगा और पहचाना जा सकेगा की वो सही मैसेज है या फेक. वहीं ग्रुप एडमिन के पास भी अब ये राइट होगा कि जिससे वो सिर्फ कुछ ही लोगों को मैसेज भेजने का राइट दे सकता है. इसके लिए यूजर को सबसे पहले सेटिंग ओपन करना पड़ेगा. फिर ग्रुप इंफो में टैप करने के बाद ग्रुप सेटिंग्स खोलना होगा और फिर सेंड मैसेजेस में जाकर सेलेक्ट ऑनली एडमिन चुनना होगा.


अफवाह को रोकने के लिए क्या किया जा सकता है


अफवाह को रोकने के लिए सबसे पहला कदम ये उठाया जा सकता है कि आपको उस व्यक्ति से बात करना बंद करना होगा जो अफवाह वाले मैसेज को शेयर करता है. वहीं आपको इस बात पर भी ध्यान देना होगा कि जो आपके पास फ़ॉर्वर्डेड मैसेज आया है उसमें कितनी सच्चाई है. क्योंकि आजकल एक मैसेज किसी की जान ले सकता है.


एबीपी न्यूज की अपील


सोशल मीडिया पर बहुत अफवाहों फैलाई जा रही है इसलिए हर मैसेज पर यकीन ना करें उसे बिना सोचे समझे किसी को फॉरवर्ड न करे. आपका एक झूठा मैसेज किसी की जान ले सकता है. जिम्मेदार बनें, समझदार बनें.