नई दिल्लीः इस साल की शुरुआत में ही फेसबुक से जुड़ा कैम्ब्रिज एनालिटिका विवाद सामने आया और इसमें फेसबुक के लगभग 87 मिलियन यूजर्स का डेटा चोरी किया गया. इस विवाद में फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग अप्रैल में अमेरिकी संसद के सामने पेश हो चुके हैं. अब फेसबुक ने इस पूरे विवाद पर अमेरिकी संसद में 229 पेज का एक डॉक्यूमेंट जमा किया है. इस डॉक्यूमेंट में अमेरिकी संसद के सभी सवालों का जवाब विस्तृत तरीके से दिया गया है. इस 229 पेज के जवाब में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई है. फेसबुक ने कहा है कि वो यूजर की प्राइवेट जानकारी ही और उसकी पसंद जानने के लिए कम्प्यूटर की-बोर्ड और माउस के भी मूवमेंट तक पर नजर रखता है. यानी आपने कब अपना माउस कहां क्लिक किया फेसबुक को ये भी पता रहता है.


फोन का बैटरी तक पर नजर रखता है फेसबुक
रिपोर्ट के मुताबिक कोई यूजर रोबोट है या नहीं और उसकी पसंद-नापसंद क्या हैये जानने के लिए फेसबुक ब्राउजर एक्टिविटी और माउस के मूवमेंट को भी ट्रैक करता है. जब भी कोई यूजर सोशल मीडिया एप पर लॉग इन रहता है तो फेसबुक कई जानकारियों को जुटाता है. फेसबुक को ये भी पता रहता है कि आखिर यूजर के फोन में बैटरी कितनी है. इतना ही नहीं फोन में कितनी स्टोरेज बची हुई है इसपर भी नजर फेसबुक रखता है. यहां तक की स्मार्टफोन का ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है, किस ब्राउजर का यूजर इस्तेमाल कर रहा है और फोन की फाइल के नाम तक फेसबुक को पता होता है.



ये एक्सेस यहीं नहीं रुकती. फेसबुक को आपकी इंटरनेट एक्टिविटी और मोबाइल ऑपरेटर के बारे में भी पता होता है. आपका इंटरनेट प्रोवाइडर कौन है ये भी फेसबुक जानता है. सोशल नेटवर्किंग जाइन्ट फेसबुक में यूजर इस कदर फंसा है कि उसका कूकी डेटा, आईपी एड्रेस पर भी फेसबुक नजर बनाए रखता है.


अगर यूजर अपने डिवाइस की एक्सेस फेसबुक को देता है तो फेसबुक लोकेशन, कैमरा, गैलरी , वीडियो को भी एक्सेस करता है. जो लोग मोबाइल नंबर को फेसबुक से सिंक करते हैं वो जाने-अनजाने अपने कॉल डेटा और कॉन्टेक्ट लिस्ट की जानकारी भी फेसबुक से साझा करते हैं.