नई दिल्ली: कई सालों से फेसबुक अपने प्लेटफॉर्म पर मौजूद संदिग्ध कंटेंट को लेकर दिक्कतों का सामना कर रहा है. इसलिए फेसबुक साल 2016 से ''रिमूव, रिड्यूस और इंफॉर्म'' वाली योजना का इस्तेमाल कर रहा है. इसकी मदद से उन कंटेंट को ज्यादा से ज्यादा फैलने से रोक दिया जाता है जो फेसबुक की नीतियों का उल्लंघन करती है. वहीं इन कंटेंट को लेकर यूजर्स को अधिक जानकारी भी दी जाती है. जिससे उन्हें ये पता चल सके कि उन्हें क्या क्लिक करना है, क्या पढ़ना है और कौन से ऐसे कंटेंट को शेयर करना है. अब फेसबुक ने इसी को लेकर कुछ और अपडेट्स और अपनी रणनीति का एलान किया है.


फेसबुक ने इसका एलान कंपनी के वीपी ऑफ इंटीग्रिटी यानी की गाय रोजन और कंपनी के न्यूज फीड इंटीग्रिटी हेड टेसा लायंस की मौजूदगी में की. यहां कई छोटे पत्रकार भी मौजूद थे. तो चलिए तीनों फीचर के बारे में जानते हैं.

फेसबुक ने कहा है कि वो अपने प्लेटफॉर्म पर मौजूद फेक न्यूज से लड़ना चाहता है और इसी को देखते हुए उसने कई देशों में थर्ड पार्टी फैक्ट चेकर्स के साथ साझेदारी की है जो निष्पक्षीय फैक्ट चेकिंग नेटवर्क से आते हैं और फेक न्यूज को पहचानने में मदद करते हैं.

1. रिमूव (Remove)

अपने कम्यूनिटी स्टैंडर्ड में फेसबुक ने एक नए सेक्शन को रोलआउट किया है जहां यूजर्स कंपनी के जरिए बनाए गए नए अपडेट को हर महीने ट्रैक कर सकते हैं. वहीं फेसबुक ने भी ग्रुप्स के लिए नया ग्रुप क्वालिटी फीचर लॉन्च किया है. इसकी मदद से कई ऐसे कंटेंट को हटाया जाएगा जो कंपनी की नीतियों का उल्लंघन करते हैं.

इसके लिए फेसबुक ग्रुप एडमिन्स को अधिकार दे रहा है जहां वो समुदाय मानक नीतियों के उत्तरदायी होंगे. रोजन और लायंस ने कहा कि, '' हम ग्रुप पर नजर रख रहे हैं तो वहीं ये भी देख रहे हैं कि कौन नियम तोड़ रहा है और तो वहीं कौन क्या पब्लिश कर रहा है. इसी की बदौलत हम ये सोचेंगे कि उनपर कारवाई करनी है या नहीं.''

रिड्यूस (Reduce)

भले ही फेसबुक आपके कंटेंट को नीतियो का उल्लंघन करने के मामले में न हटाए लेकिन हां वो आपकी पोस्ट की रीच को काफी कम कर सकता है जिससे वो ज्यादा से ज्यादा लोगों तक नहीं पहुंच पाएगा. इसके लिए फेसबुक ने बाहर के कुछ एक्सपर्ट्स की मदद लेने की योजना बनाई है. यहां थर्ड पार्टी फैक्ट चेकर्स की मदद ली जाएगी. ये फैक्ट चेकिंग प्रोग्राम में 45 सर्टिफाई फैक्ट चेकिंग पार्टनर्स मौजूद है जो 24 भाषाओं में कंटेंट के रिव्यू करेंगे.

इन कंटेंट की पहुंच को रोकने के लिए फेसबुक ग्रुप्स के रीच को भी कम करने जा रहा है. इसके लिए फेसबुक 'क्लिक गैप' सिग्नल का इस्तेमाल करने जा रहा है जहां आपको न्यूज फीड में वहीं खबरें सबसे ऊपर दिखेंगी जिनका कंटेंट काफी अच्छा होगा तो वहीं वो खबरें सबसे नीचें होंगी जिनका कंटेंट सबसे खराब होगा.

3. इंफॉर्म (Inform)

फेसबुक न्यूज फीड कंटेक्स्ट बटन को इमेज के लिए एक्सपैंड कर रहा है जहां इसे भी थर्ड पार्टी फैक्ट चेकर्स के जरिए रिव्यू किया जाएगा. वहीं न्यूज फीड कंटेक्स्ट बटन ट्रस्ट इंडिकेटर्स का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. इस फीचर को पिछले साल ही अप्रैल के महीने में लॉन्च किया जा चुका है. यानी की अगर कोई गलत कंटेंट वाला इमेज है तो उसपर अब आपके पास ये मैसेज आ जाएगा कि ये गलत फोटो है और इसे फैक्ट चेकर्स के जरिए रिव्यू किया जा चुका है.

नोट: अगर आप अपने कंटेंट के बारे में ज्यादा जानकारी चाहते हैं तो वहीं अगर आपके भी कुछ सवाल हैं तो आप इस लिंक पर क्लिक कर पूरी जानकारी ले सकते हैं.

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