वॉशिंगटन: आपका निजी डेटा कितना सुरक्षित है? इस सवाल पर जारी बहस के बीच फेसबुक ने बताया है कि ब्रिटेन की राजनीतिक डेटा विश्लेषक कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका (सीए) के साथ आठ करोड़ 70 लाख यूजर्स से अधिक के डेटा साझा किये गये है. जिन यूजर्स का डेटा इस्तेमाल किया गया उनमें ज्यादातर अमेरिका के हैं.


ध्यान रहे कि कैम्ब्रिज एनालिटिका पर आरोप है कि उसने फेसबुक यूजर्स का निजी डेटा अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने के लिए किया गया था. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव में सीए की सेवाएं ली थी.


फेसबुक के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी माइक स्क्रोफर ने कहा, ''आठ करोड़ 70 लाख लोगों की जानकारियां कैम्ब्रिज एनालिटिका के साथ गलत तरीके से साझा की गई. इनमें ज्यादातर यूजर्स अमेरिका के हैं.'' उन्होंने बताया कि फेसबुक यूजर्स के निजी डेटा पर अधिक नियंत्रण के लिए कड़े कदम उठा रही है.


स्क्रोफर ने कहा कि नई प्राइवेसी टूल्स को अगले सोमवार तक फीचर में डाल दिया गया. इसकी घोषणा पिछले महीने की गई थी. साथ ही फेसबुक ने अलग से बयान जारी कर कहा कि नए सेवा शर्तों से डेटा साझा करने और विज्ञापन किस तरह पहुचंते है, इसके बारे में तस्वीर स्पष्ट हो जाएगी. इन बदलावों से बाहरी व्यक्ति का यूजर डेटा तक पहुंचना मुश्किल हो जाएगा.


स्क्रोफर ने बताया कि एक बदलाव ऐसा किया गया है जिससे फेसबुक सर्च के साथ किसीके एकदम सही लोकेशन का पता लगाने के लिए उसका फोन नंबर या ईमेल एड्रेस एंटर नहीं किया जा सकेगा.

Detail Report: कैसे कैंब्रिज एनालिटिका ने फेसबुक यूजर्स के डेटा का राजनीतिक इस्तेमाल किया?


आपको बता दें कि पिछले महीने कैंब्रिज एनालिटिका पर फेसबुक से डेटा चोरी करने का आरोप लगा था. इसके बाद से फेसबुक पर सवाल उठ रहे हैं. फेसबुक इस मामले में जांच का सामना कर रहा है और उसके मुख्य कार्यकारी मार्क जुकरबर्ग मामले पर अगले सप्ताह संसदीय समिति के समक्ष गवाही देने के लिए राजी हो गए हैं.


भारत में बीजेपी ने कांग्रेस पर कैंब्रिज एनालिटिका का क्लाइंट होने का आरोप लगाया था. हालांकि कांग्रेस ने दावे को खारिज करते हुए कहा था कि बीजेपी और उसकी सहयोगी जेडीयू पहले से ही कैंब्रिज एनालिटिका कंपनी से मदद लेती रही है.


डेटा लीक में नया दावा: कांग्रेस को हराने के लिए क्रैम्ब्रिज एनेलिटिका के कर्मचारी को दिये गए थे पैसे!