नई दिल्ली: फेसबुक इन्वेस्टर्स ने कंपनी के सीईओ मार्क जुकरबर्ग पर दबाव डालना शुरू कर दिया है. इन्वेस्टर्स चाहते हैं कि वो कंपनी के सीईओ के पद से जल्द से जल्द इस्तीफा दें. रिपोर्ट का खुलासा न्यूयॉर्क टाइम्स ने किया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि डिफायनर्स पब्लिक अफेयर्स नाम से एक पीआर फर्म फेसबुक के लिए काम कर रही है जो रिपबल्किन पार्टी से जुड़ी हुई है.


वहीं शनिवार को द गार्जियन के रिपोर्ट के अनुसार Trillium Assest Management के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट जिनका फेसबुक में स्टेक है उन्होंने मार्क जुकरबर्ग से बोर्ड के चेयरमैन पद से इस्तीफा देने की मांग की. क्रोन ने कहा कि, 'फेसबुक एक हिमपात के खंड की तरह व्यवहार कर रहा है. हालांकि ऐसा है नहीं. क्योंकि ये एक कंपनी है और कंपनी में कुर्सी और सीईओ के बीच में फर्क होना जरूरी है. '


न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक रिपोर्ट में कहा कि फेसबुक ने वाशिंगटन DC आधारित एक फर्म को किराया पर लिया था ताकि वो सोशल नेटवर्किंग जाएंट के लिए सबकुछ साफ कर सके जहां प्रतियोगियों और आलोचकों को जवाब और उनसे टक्कर ली जा सके. जबकि एक प्रेस कांफ्रेंस में मार्क जुकरबर्ग ने इस सभी आरोपों से इंकार किया. मार्क ने कहा, ' मेरे पास मेरे कंपनी के अधिकारियों का फोन आया और हम इस कंपनी के साथ किसी भी तरह का काम नहीं कर रहें हैं. '


रिपोर्ट के मुताबिक फेसबुक के एक दूसरे निवेशक नताशा लैंब का कहना है कि चेयरमैन और सीईओ की संयुक्त भूमिका का मतलब है कि फेसबुक कंपनी के अंदर की समस्याओं को ठीक करने से बच सकता है. बता दें न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया था कि फेसबुक इस फर्म के साथ अभी भी काम कर रहा है. बीते 3 सालों से जिन भी विवादों के साथ फेसबुक का नाम जुड़ा है, उनका असर कम हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक पीआर फर्म ने एपल और गूगल के खिलाफ कई लेख लिखे हैं.


फर्म के जरिए फेसबुक इस बात के प्रचार में भी सफल रहा है कि एंटी फेसबुक मूवमेंट चलाने के पीछे निवेशक और सामाजिक कार्यकर्ता जॉर्ज सोरोस का हाथ था. रिपोर्ट में कहा गया है कि फर्म ने पत्रकारों पर यह लिखने का भी दबाव डाला कि सोरोस उन समूहों के साथ आर्थिक संपर्क में है, जो फेसबुक का विरोध करते हैं. इसके अलावा रिपोर्ट में कहा गया है कि फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने अपने कर्मियों से कहा है कि वह आईफोन के बजाय एंड्रॉयड फोन का ही इस्तेमाल करें. इसके पीछे कारण ये है कि एपल के सीईओ टिम कुक प्राइवेसी के मामले में फेसबुक की आलोचना कर चुके हैं.