सैन फ्रांसिस्को: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक ने 5000 से अधिक विज्ञापन जैसे विकल्पों को हटाने का फैसला किया है ताकि एडवरटाइजर्स (विज्ञापनदाताओं) को धर्म या नस्ल जैसे आधार पर भेदभाव करने से रोका जा सके. जातीयता, मान्यता और राजनीतिक सबंद्धता या इस तरह के अन्य आंकड़ों पर आधारित विज्ञापनों के विकल्पों को फेसबुक हटा रहा है क्योंकि इन विषयों को संवेदनशील माना गया है.

कल फेसबुक ने एक ऑनलाइन पोस्ट में कहा, ‘‘ वैध तरीके से इस तरह के विकल्प का इस्तेमाल किसी खास तरह के उत्पाद या सेवा में रुचि रखने वाले लोगों तक पहुंचने के एक विकल्प के रूप में था लेकिन हमारा मानना है कि इस तरह के सेवाओं के दुरुपयोग होने के खतरे को कम करना बेहद महत्वपूर्ण है.’’

संयुक्त राज्य आवास एवं शहरी विकास विभाग (एचयूडी) द्वारा कुछ दिन पहले फेसबुक पर आरोप लगाया गया था कि फेसबुक मकान मालिकों और घर विक्रेताओं को अपने एड टारगेट सिस्टम के जरिए अफोर्ड कर सकने वाले खरीदारों और किराएदारों के साथ भेदभाव करने देकर अपराध कर रहा है. विभाग द्वारा लगाए गए इस आरोप के कुछ दिन बाद ही फेसबुक ने यह घोषणा की है.

एचयूडी ने औपचारिक तौर पर शिकायत दर्ज कराई है और इसमें कहा है कि फेसबुक के एडवरटाइजर्स नस्ल, धर्म, लैंगिक आधार, राष्ट्रियता या कई अन्य तथ्यों के आधार पर घर किराए पर देने या बेचने का लक्ष्य पेश करते थे.

फेसबुक ने कहा, ' हम अपने प्लेटफॉर्म पर भेदभाव वाले विज्ञापनों से लोगों को बचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.'

इस साल मीडिया में इस तरह की खबरें आई थी कि फेसबुक के एडवरटाइजर्स अफ्रीकी, अमेरिकी या अन्य तरह के लोगों को लक्ष्य करके या उन्हें इससे बाहर करके विज्ञापन करना चुन सकते थे ताकि प्रभावी तौर से उत्पाद या सेवा का लाभ श्वेत लोगों को मिल सके.

फर्जी समाचारों के खिलाफ अपने अभियान के तहत पर फेसबुक ने अमेरिका या अन्य देशों में हो रहे चुनाव से पहले ईरान और रूस से संबंधित फर्जी अकाउंट्स और पेज भी डिलीट किए हैं. फेसबुक के सीइओ मार्क जुकरबर्ग के अनुसार फेसबुक ने 650 से ज्यादा ग्रुप्स को डिलीट कर दिया है.