नई दिल्लीः अपने 14 साल के इतिहास में सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक अब तक की सबसे मुश्किल कंट्रोवर्सी में फंसी है. चारों ओर से आलोचना झेल रही फेसबुक के लिए लंबे वक्त बाद अच्छी खबर आई है. डेटा लीक विवाद के बावजूद फेसबुक यूजर्स को बांधने में सफल रहा है.


फेसबुक की ओर से इस साल की पहली तिमाही के नतीजे जारी किए गए हैं और ये कंपनी और मार्क जकरबर्ग के लिए राहत की सांस लेने वाले नतीजे हैं. 2018 के पहले क्वार्टर में फेसबुक को 63% का प्रॉफिट हुआ है और इसके रेवेन्यू में 49% का उछाल दर्ज किया गया है.


नहीं हुआ डेटा लीक विवाद का खास असर, बढ़े यूजर्स

नतीजों को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि फेसबुक को डेटा लीक कंट्रोवर्सी का कुछ खास नुकसान नहीं उठाना पड़ा है. सिलिकन वैली बेस्ड इस कंपनी की ओर से कमाई की जानकारी देते हुए बताया गया कि पिछले क्वार्टर में फेसबुक के एक्टिव मंथली यूजर 70 मिलियन (70 करोड़) को जोड़ा था और अब इस साल मार्च में इसके एक्टिव मंथली यूजर्स का आंकड़ा बढ़कर 2.2 बिलियन यानी 200 करोड़ से ज्यादा हो गया है. इस क्वार्टर रिजल्ट के साथ ही फेसबुक की शेयर कीमतों में 7% का उछाल हुआ है.



हालांकि ध्यान रखने वाली बात है कि प्राइवेसी और फेसबुक एनालिटिका विवाद इस क्वार्टर के अंत में जोर पकड़ा और #DeleteFacebook कैंपेन भी क्वार्टर के आखिरी वक्त में शुरु किया गय. ऐसे में ये संभव है कि इस विवाद का असर फेसबुक को आने वाले वक्त में भुगतना पड़े और इसकी भविष्य की कमाई इससे प्रभावित हो.



फेसबुक के लिए तैयार है नया चैलेंज


फेसबुक के सामने डेटा लीक मामले से ऊबरने के अलावा एक और चैलेंज है. अगले महीने से यूरोपीय देशों में यरोपियन प्राइवेसी रेग्यूलेशन प्रभावी हो जाएंगा. ये एक जनरल डेटा प्रोटेक्शन रेग्यूलेशन है. इसके तहत टेक कंपनियों (फेसबुक , गूगल) को लोगों का डेटा एक्सेस करने से पहले उनकी सहमति लेनी होगी. माना जा रहा है कि इस नियम के बाद फेसबुक को इन देशों में यूजर्स के मद्देनजर नुकसान हो सकता है. फेसबुक के सामने चुनौती होगी कि आखिर कैसे इस कड़े नियमों के बीच खुद को साबित और टिका पाएगा.



फेसबुक डेटा विवाद जिसने जकरबर्ग को कांग्रेस के सामने खड़ा कर दिया


मार्च महीने के अंत में फेसबुक पर यूजर्स के डेटा के गलत इस्तेमाल का बड़ा विवाद सामने आया. एक पॉलिटिकल कंसल्टेंसी फर्म कैंब्रिज एनालिटिका ने करीब 5 करोड़ फेसबुक यूजर्स का डेटा एक थर्ड पार्टी एप के जरिए एक्सेस किया. इस डेटा का इस्तेमाल अमेरिका में हुए 2016 चुनावों में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार और वर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को फायदा पहुंचाने और ब्रेक्जिट में जनमत संग्रह को प्रभावित करने में किया गया. फेसबुक की चूक से गुस्साए लोगों ने ट्विटर पर फेसबुक के विरोध में #deletefacebook कैंपेन चलाया.



ये विवाद इतना बढ़ा कि मार्क जकरबर्ग को अमेरिकी कांग्रेस में सीनेटर्स के सामने पेश होना पड़ा और यूजर डेटा को लेकर कड़े सवालों के जवाब देने पड़े. यहां उन्होंने दुनियाभर के यूजर्स से माफी मांगी और भविष्य में जिन देशों में चुनाव हैं उनको लेकर दुनिया को आश्वासित किया. इसके अलावा फेसबुक के मालिक जकरबर्ग ने फ्यूचर गाइडलाइन के बारे में भी बताया.


ये विवादों वाला वक्त फेसबुक के लिए काफी कठिन रहा लेकिन ये क्वार्टर रिपोर्ट कंपनी को राहत और खुशी देने वाली है.