नई दिल्ली: बेंगलुरू में अप्रैल की बारिश शुरू हो चुकी है जहां आप मिट्टी की खुशबू को महसूस कर सकते हैं. जयश्री गोपालन अपने फ्लैट के 15वें फ्लोर से बारिश का मजा ले रही हैं लेकिन तभी अचानक मौसम देख उन्हें पकौड़े खाने की याद आती है. वो सोचने लगती हैं कि आखिर वो करें क्या. बनाने का उनका मन नहीं है और न ही वो ऑनलाइन ऑर्डर कर ज्यादा समय बर्बाद करना चाहती है. अगर हम इस भूख को 2 साल पहले देखें तो हम ये कह सकते हैं कि उस समय ये मुमकिन नहीं था. लेकिन अब है.


गोपालन ने अपना फोन निकाला और व्हॉट्सएप ग्रुप में 'स्नैक्स' नाम के ग्रुप को चेक किया. ये ग्रुप उनके फ्लैट के लोगों ने ही बनाया था. इसके बाद फ्लैट के दूसरी ओर से एक महिला उस ग्रुप में मैसेज करती है कि, ' आलू और प्याज के पकौड़े तल रही हूं.'' आठ प्लेट आधे घंटे के भीतर तैयार हो जाएंगे.अभी आप ऑर्डर कर सकते हैं. 15 मिनट के भीतर ही गोपालन के पास एक स्टील के बॉक्स में गरमा- गरम पकौड़े पहुंच जाते हैं. महिला का बेटा ये ऑर्डर लेकर आता है जिसके बाद गोपालन उसे 30 रूपये और एक चॉकलेट देती हैं.


गोपालन के अलावा महादेवपूरा में कई लोग ऐसे ही व्हॉट्सएप की मदद से ऑर्डर कर रहे हैं और बारिश का लुत्फ उठा रहे हैं. इसका नेटवर्क काफी आसान है. लोकल ऑनलाइन ग्रुप के जरिए एक दूसरे से कनेक्ट हो रहे हैं. जहां वो खाना खरीद और उसे बेच सकते हैं. इसमें स्नैक्स, ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर शामिल है. यूजर्स को यहां कम कीमत पर घर का बेहतरीन खान मिल रहा है. वहीं सेलर्स के लिए ये मौका अपने खाने के स्किल को और बेहतरीन बनाने का है. एक तरह से ये स्विगी और जोमैटो की तरह ही है लेकिन स्वाद इमसें घर का है.


स्क्रॉल को दिए गए इंटरव्यू में गोपालन कहती हैं कि, ''कई बार आपके पास समय नहीं होता तो वहीं आपका मन खाना बनाने का भी नहीं करता है. ऐसे में जब इस तरह की सर्विस आपके घर के आसपास ही हो तो आपकी सारी परेशानियां एक ऑर्डर में ही खत्म हो जाती है. और सबसे बड़ी बात अंत में आपको घर का खाना मिलता है.''


बेंगलुरू में खाना बनाना और खाना एक जुनून है. शहर के भीतर तकरीबन 500 रेस्टोरेंट हैं. जहां भारत की F&B इंडस्ट्री 6,00,000 करोड़ रूपये तक पहुंच गई है जिसमें बेंगलोर का बड़ा हाथ है. एक रिपोर्ट के दौरान साल 2016 में ऑनलाइन डिलीवरी मार्केट की आय 300 मिलियन डॉलर की थी जिसमें 32 प्रतिशत हिस्सा बैंगलोर का था.


कई यूजर ऐसे हैं जो ऑफिस के कारण और अपनी टाइमिंग्स के कारण अच्छा खाना नहीं का पाते हैं. ऐसे में इन यूजर्स को अपने बिल्डिंग में ही खाना मिल जाता है. वो भी घर का और काफी हेल्दी. ऐसे में ये यूजर्स हमेशा यहीं का खाना खाते हैं. और ऑफिस के दौरान ही व्हॉट्सएप ग्रुप में अपना ऑर्डर दे देते हैं. कई बार ऐसे यूजर्स खुद से खाना जरूर बनाते हैं लेकिन सस्ता खाना और घर का खाना इनकी पहली पसंद बन गई है.