Galaxy S9 और OnePlus 6 फेस अनलॉक टेस्ट में बन गए बेवकूफ, iPhone X की हुई जीत
पिछले साल आईफोन X में से फिजिकल फिंगरप्रिंट सेंसर को हटा दिया गया था तो वहीं टच आईडी और फेस आईडी का इस्तेमाल किया गया. फेस आईडी अब एपल के सभी नए फोन में मौजूद है जिसमें आईफोन XS, आईफोन XS मैक्स और आईफोन XR शामिल है.
नई दिल्ली: एपल आईफोन की सबसे खास बात ये है कि अगर किसी नए फीचर को आईफोन में शामिल किया जाता है तो एंड्रॉयड OEM भी उस फीचर को अपने स्मार्टफोन्स में शामिल कर लेता है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण है नॉच. लेकिन ठीक इसके बाद एक और फीचर को सभी एंड्रॉयड स्मार्टफोन में दिया गया जो था एपल का फेस अनलॉक फीचर. पिछले साल आईफोन X में से फिजिकल फिंगरप्रिंट सेंसर को हटा दिया गया था तो वहीं टच आईडी और फेस आईडी का इस्तेमाल किया गया. फेस आईडी अब एपल के सभी नए फोन में मौजूद है जिसमें आईफोन XS, आईफोन XS मैक्स और आईफोन XR शामिल है.
लेकिन यहां पर सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि क्या एंड्रॉयड का फेस अनलॉक फीचर एपल के आईफोन से बेहतर है? इसको चेक करने के लिए फोर्ब्स ने कई मशहूर एंड्रॉयड डिवाइस पर फेस अनलॉक फीचर को टेस्ट किया. इस टेस्ट में सैमसंग गैलेक्सी नोट 8, एलजी जी7 ThinQ और वनप्लस 6 के बीच 3D प्रिंटेड हेड की मदद से टेस्ट किया गया. और जब नतीजा निकला तो 3D प्रिंटेड हेड यानी की सिर ने इन सभी स्मार्टफोन्स को बेवकूफ बना दिया.
लेकिन जब इस टेस्ट को एपल आईफोन X पर किया गया तो ये फेल हो गया. यानी की एक 3D सिर ने जहां दूसरे स्मार्टफोन को फेस अनलॉक के रूप में बेवकूफ बना दिया तो वहीं एपल आईफोन के साथ ऐसा नहीं हो पाया और फोन पास हो गया.
बता दें कि टेस्ट का नतीजा ज्यादा चौंकाने वाला नहीं था क्योंकि ज्यादातर एंड्रॉयड स्मार्टफोन्स में किसी यूजर का फेस फ्रंट फेसिंग कैमरा से स्कैन किया जाता है. लेकिन एपल के मामले में कई हार्डवेयर कांपोनेंट्स को शामिल किया जाता है जैसे प्रोजेक्टर, IR कैमरा, फ्लड इल्यूमिनटेर जिससे यूजर के फेशियल फीचर को एकदम गरहाई तक स्कैन किया जाए.