नई दिल्ली: अमेरिकन सर्च इंजन जाइन्ट गूगल पर यूरोपीय कमिशन ने 4.34 बिलियन यूरो (करीब 34,308 करोड़ रुपये) का जुर्माना लगाया गया है. कमिशन ने ये जुर्माना गूगल के ऑपरेटिंग सिस्टम एंड्रॉयड के जरिए यूजर के डेटा को सर्च के लिए इस्तेमाल करने के मामले में लगाया गया है. एंटीट्रस्ट केस में ये यूरोपीय कमिशन की ओर से लगाया गया अबतक का सबसे ज्यादा जुर्माना है, इससे पहले पिछले साल कमिशन ने गूगल पर 2.42 बिलियन यूरो का जुर्माना लगाया था.


कंपीटिशन कमिश्नर मारग्रेट वेस्टजर ने ये जुर्माना एंड्रॉयड प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल पर तीन 'गैरकानूनी प्रतिबंध' के सिलसिले में लगाया है. वेस्टजर ने ट्वीट में कहा कि गूगल ने एंड्रॉयड का इस्तेमाल अपने सर्च इंजन को मजबूत और उसके डॉमिनेंस को बढ़ाने के लिए किया. गूगल ने अपने प्रतिद्वंदियों को एक निष्पक्ष मौका नहीं दिया. ये यूरोपीय यूनियन के ऐंटीट्रस्ट नियमों के हिसाब से गैरकानूनी है.



क्यों लगा जुर्माना?
गूगल के एंड्रॉयड प्लेटफॉर्म के काम करने के तरीके पर यह जुर्माना लगाया गया है. दुनियाभर में 2 बिलियन ( 200 करोड़) एंड्रॉयड डिवाइस इस्तेमाल किए जाते हैं और एंड्रॉयड कोड एक ओपने सोर्स प्लेटफॉर्म है जिसमें डिवाइस बनाने वाली कंपनियों की ओर से बदलाव कर सकती हैं, लेकिन कुछ कंट्रोल गूगल ने अपने पास रखा है. जैसे हर एंड्रॉयड डिवाइस में गूगल डिफॉल्ट इंजन हो और गूगल क्रोम डिफॉल्ट वेब ब्राउजर हो इसके लिए फोन-टैबलेट बनाने वाली कंपनियों पर दबाव बनाया गया.


मारग्रेट वेस्टजर ने बताया कि गूगल ने फोन बनाने वाली कंपनियों को पैसे दिए कि वे गूगल के सर्च एप को फोन मे प्री-इंस्टॉल करके दें. गूगल ने एंड्रॉयड के सोर्स कोड को कंपनियों द्वारा एडिट करने पर भी रोक लगाई. प्री इंस्टॉल के जरिए गूगल ने ईयू के नियमों का उल्लंघन किया है. साल 2016 में सामने आया था कि एंड्रॉयड डिवाइस में लगभग 95 फीसदी सर्च गूगल सर्च इंजन के जरिए किए जाते हैं. हालांकि ये सामने नहीं आया है कि गूगल ने फोन मेकर कंपनियों को ऐसा करने के लिए कितने राशि दी है.


गूगल की प्रतिक्रिया
गूगल का कहना है कि वह इस जुर्माने के खिलाफ अपील करेगा, गूगल के प्रवक्ता अल वर्नी ने कहा, 'एंड्रॉयड लोगों को ज्यादा विकल्प देने के लिए बनाया गया है. यह रैपिड इनोवेशन और अच्छी सुविधाओं की कीमत कम करने में मदद करता है.''


इससे पहले जून 2017 में गूगल ने 2.42 बिलियन यूरो का जुर्माना लगाया था. ये जुर्माना गूगल के अपने मार्केट में डॉमिनेंस के गलत इस्तेमाल पर लगाया गया था.