पिछले साल पिक्सल 2 और पिक्सल 2XL के साथ गूगल एक सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करता था जिससे इस इफेक्ट को पाया जा सके. लेकिन एक ब्लॉगपोस्ट में गूगल ने कहा है कि वो डेप्थ के लिए सिंगल कैमरा सिस्टम का इस्तेमाल करता है. पिक्सल 3 पर बेहतरीन पोट्रेट शॉट के लिए गूगल ने अपने मशीन लर्निंग टूल को ऑन कर दिया है जिससे डेप्थ का पता लगाया जा सके और बेहतर नतीजे निकाले जा सके. गूगल ने कहा कि वो अपने मशीन लर्निंग एल्गोरिदम को ट्रेन कर रहा है जिससे डेप्थ को और बाहर लाया सके.
वहीं एक और फीचर का इस्तेमाल जो गूगल अपने कैमरे में करता है वो ये है कि सेमैंटिक संकेत की मदद से कैमरा एक इंसान के चेहरे के कई सारे पिक्सल्स को गिन लेता है जिसके बाद इसका पता चल पाता है कि वो इंसान कैमरे से कितना दूर है. डेटा और संकेत की मदद से गूगल इन सभी चीजों को मशीन लर्निंग से एक साथ लाता है जिसकी मदद से आप एक बेहतरीन फोटो ले पाते हैं वो भी शानदार डेप्थ के साथ.
दरअसल गूगल ने अपना खुद का कस्टम फ्रैंकनफोन बनाया जिससे वो न्यूट्रल नेटवर्क को ट्रेन कर सके. रिग में 5 पिक्सल 3 फोन का इस्तेमाल किया गया था जो वाईफाई आधारित सॉल्यूशन के साथ आता है. इसकी मदद से आप हर फोन से फोटो खिंच सकते हैं. यहां ये भी कहा गया कि फोटो को दो मिलीसेकेंड्स के बाद खींचा गया. इसका फायदा ये हुआ कि रिग का जब इस्तेमाल किया गया तो फोटो की क्वालिटी काफी अच्छी आई.
एक तरफ जहां स्मार्टफोन इंडस्ट्री 4 कैमरे की तरफ बढ़ रही है तो वहीं गूगल अपने डेटा और फोटोग्राफी की मदद से लोगों को ये बता रहा है कि कैसे वो सिर्फ एक सिंगल लेंस से बेहतरीन फोटोग्राफी को अंजाम दे सकते हैं.