सरकार ने मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (MNP) में किए बदलाव, जानिए ये 5 अहम बातें
टेलीकॉम रेगुलेटर ट्राई ने मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी को लेकर नए नियम और कानून बनाए हैं जिससे अब आप तेज और आसान तरीके से ये काम कर सकते हैं.
नई दिल्ली: एक तरफ टेलीकॉम कंपनियों के बीच जहां जंग देखने को मिल रही है तो वहीं कई यूजर्स ऐसे हैं जो हर 3 महीने के भीतर अपने मोबाइल ऑपरेटर को बदल देते हैं. कारण होता है उस यूजर को वो तमाम सुविधाएं नहीं देना. वहीं कई बार पोर्ट करवाते समय यूजर्स को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इसी को देखते हुए टेलीकॉम रेगुलेटर ट्राई ने मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी को लेकर नए नियम और कानून बनाए हैं जिससे अब आप तेजी और आसान तरीके से ये काम कर सकते हैं. तो चलिए नजर डालते हैं कुछ जरूरी नियमों पर.
1. सर्विस एरिया के भीतर पोर्ट आउट रिक्वेस्ट के लिए अब सिर्फ 2 दिनों का ही टाइमलाइन है.
2. एक सर्कल से दूसरे सर्कल में जाने के लिए 4 दिनों का समय दिया जा रहा है. पहले ये समय 15 दिनों का था जो जम्मू कश्मीर, असम और नार्थ ईस्ट के लिए लागू नहीं था.
3. बिना किसी कारण के अगर पोर्टिंग रिक्वेस्ट को रिजेक्ट किया गया तो 10,000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है.
4. वहीं नियम तोड़ने पर टेलीकॉम कंपनियों पर 5000 रुपये का जुर्माना हो सकता है.
5. कॉर्पोरेट नबंरों के लिए यही समय 4 दिनों का है.