नई दिल्ली: 'जूम' नाम का एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिग ऐप इन दिनों सोशल मीडिया पर बेहद चर्चा में है. इस ऐप के जरिए एक साथ 100 लोग मीटिंग कर सकते हैं. लेकिन क्या आप जानते है कि ये ऐप आपको खतरे में डाल सकती है. जिसके इस्तेमाल को लेकर सरकार ने एक गाइडलाइन जारी की है.



Zoom ऐप के खतरे जानिए

इस ऐप के इस्तेलमाल से यूजर्स को बचने के लिए कहा जा रहा क्योंकि आपकी बिना मर्जी के, जूम ऐप के जरिए होने वाली विडियो कॉन्फ्रेंस में कोई तीसरा शख्स शामिल हो सकता है. आपका पर्सनल डेटा आसानी से चोरी हो सकता है. इतना ही नहीं आप जो बात कर रहे हैं, वो विडियो कॉलिंग भी हैक की जा सकती है. इस ऐप के जरिए कोई भी आपका जरुरी मैसेज पढ़ सकता है.


सरकार ने क्या सलाह दी है

इन खतरों को देखते हुए गृह मंत्रालय ने सख्ती दिखाते हुए जूम ऐप के इस्तेमाल पर नई गाइडलाइन जारी की है. इसके गाइडलाइन के मुताबिक अब यूजर्स हर मीटिंग के लिए नया यूजर आईडी और पासवर्ड का इस्तेमाल करें. वेटिंग रूम फीचर को एनेबल करें, ताकि कोई भी यूजर तब कॉल में शामिल हो सके जब कॉन्फ्रेंस करने वाला अनुमति दे.


इसके साथ ही कहा गया है कि ज्वाइन ऑप्शन को डिसेबल कर दें. स्क्रीन शेयरिंग का ऑप्शन सिर्फ होस्ट के पास रखें. किसी व्यक्ति के लिए रिज्वाइन का ऑप्शन बंद रखें. फाइल ट्रांसफर के ऑप्शन का कम से कम इस्तेमाल करें.

कंपनी ने कहा- समस्या से पार पा लेंगे
विवादों को ध्यान में रखते हुए कंपनी के सीईओ को हालिया ब्लॉग इस बारे में यूजर्स को भरोसा दिलाता है कि वे अपनी प्राइवेसी और सिक्योरिटी को लेकर प्रतिबद्ध हैं और इसके लिए 90 दिनों की फीचर फिक्स की मदद से इन समस्या से पार पा लेंगे.

बता दें कि लोकप्रियता के साथ हाल ही में ये ऐप विवादों में आ गया था. इस ऐप पर फेसबुक के साथ डेटा शेयर करने का आरोप लगा था. कुछ लोगों का कहना है कि ये ऐप यूजर्स का एनालिटिकल डेटा फेसबुक के साथ शेयर करता है.


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