सरकार ने किया एलान, Aadhaar कार्ड से ले सकते है अपना नाम वापस, डेटा कर दिया जाएगा डिलीट
इस कदम को ऐसे वक्त में उठाया गया है जब सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड को लेकर कई नए नियम बना दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार सेक्शन 57 के तहत अब प्राइवेट कंपनियों के पास बिलकुल ये हक नहीं है कि वो वेरिफिकेशन के लिए आधार डेटा का इस्तेमाल करें.
नई दिल्ली: भारतीय सरकार फिलहाल एक नए प्रस्ताव पर काम कर रही है जहां अब अगर नागरिक चाहें तो आधार से हमेशा के लिए छुटकारा पा सकते हैं. प्रस्ताव के अनुसार, ' आधार कार्ड से अपना नाम हटवाने के बाद यूजर्स का डेटा भी हमेशा के लिए डिलीट कर दिया जाएगा. यूजर्स का पूरा डेटा और बायोमेट्रिक्स तब लिया जाता है जब कोई व्यक्ति आधार के लिए खुद को एनरोल करवाता है.
इस कदम को ऐसे वक्त में उठाया गया है जब सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड को लेकर कई नए नियम बना दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार सेक्शन 57 के तहत अब प्राइवेट कंपनियों के पास बिलकुल ये हक नहीं है कि वो वेरिफिकेशन के लिए आधार डेटा का इस्तेमाल करें.
द हिंदू के रिपोर्ट के अनुसार इस प्रस्ताव पर फिलहाल काम किया जा रहा है. तो वहीं ये उन लोगों के लिए भी फायदेमंद होगा जिनके पास या तो पैन कार्ड नहीं है या फिर जिन्हें पैन कार्ड की जरूरत नहीं है. अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सिम कार्ड और बैंक अकाउंट से आधार नंबर को जोड़ना असंवैधानिक है. प्रस्ताव में UIDAI ने कहा कि बच्चे तभी इससे बाहर निकल सकते हैं जब उनकी उम्र 18 साल हो जाएगी.
इस उम्र तक पहुंचने के बाद सरकार उन्हें 6 महीने का समय देगी जहां उन्हें ये चुनना होगा कि वो आधार कार्ड को रखना चाहते हैं या उससे बाहर निकलना चाहते हैं. रिपोर्ट के अनुसार भारतीय सरकार ने अभी तक कुल 37.50 करोड़ पैन नंबर जारी किए हैं ये आंकड़ा मार्च 12 2018 तक ही है. वहीं सिर्फ उनमें से सिर्फ 16.84 लोग ही ऐसे हैं जिनके पास उनके पैन कार्ड के साथ आधार नंबर भी है.