नई दिल्ली: नेटफ्लिक्स और अमेजन प्राइम वीडियो जैसे ऑनलाइन मीडिया प्लेटफॉर्म के संचालन के नियमन के लिए दिशा निर्देश तय करने की मांग करते हुए दायर की गई एक जनहित याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार से जवाब मांगा है.
हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस राजेन्द्र मेनन और जज वी के राव की पीठ ने साफ कहा कि वह याचिका पर नोटिस जारी नहीं कर रही है बल्कि वह इस याचिका पर केवल सरकार का जवाब मांग रही है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि ऑनलाइन मीडिया स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म गैर अधिकृत, यौन और अश्लील सामग्री दिखाते हैं.
गैर सरकारी संगठन जस्टिस फॉर राइट्स फाउंडेशन के जरिए दाखिल की गई जनहित याचिका को कोर्ट ने अगले साल फरवरी में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया. वकील हरप्रीत एस होरा के जरिए दाखिल की गई याचिका में एनजीओ ने दावा किया है कि ऑनलाइन मीडिया स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म, जिनमें हॉटस्टार भी शामिल है. वे ऐसी सामग्री दिखाते हैं जो आम जनता के देखने के लिए गैर प्रमाणित है.
इसमें दावा किया गया है कि 'सेक्रेड गेम्स', 'गेम आफ थ्रोन्स' और 'स्पार्टकस' जैसी टेलीविजन सीरिज जो नेटफ्लिक्स जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर दिखाई जाती है. उनकी सामग्री अश्लील, पोर्नोग्राफिक, अनैतिक और जहरीला है जिसमें अक्सर महिलाओं का दैहिक चित्रण किया जाता है.