नई दिल्लीः हिताची पेंमेंट सर्विसेज ने आज माना कि उसकी सिस्टम पर एक प्रभावशाली मालवेयर का हमला हुआ था. इसकी वजह से भारतीय बैंकों के करीब 32 लाख डेबिट कार्ड की सुरक्षा में सेंधमारी की आशंका बनी. बाद में नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन यानी एनपीसीआई ने ऐलान किया था कि इस सेंधमारी की वजह से करीब 600 ग्राहकों को कम से कम 1.3 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा.


हिताची का ये बयान सिसा इनफॉरमेशन सिक्यूरिटी प्राइवेट लिमिटेड की ओऱ से की गयी पड़ताल के बाद सौंपी गयी रिपोर्ट पर आधारित है. रिपोर्ट में कहा गया है कि हिताची पेमेंट सर्विसेज के सिस्टम में मालवेयर आया. इसकी वजह से डेबिट कार्ड की सुरक्षा में 21 मई 2016 से 11 जुलाई 2016 के बीच सेंधमारी का खतरा बना.


इस रिपोर्ट की पुष्टि करते हुए हिताची पेमेंट सर्विसेज के के मैनेजिंग डायरेक्टर लोनी एंटोनी ने कहा कि सेंधमारी का पता चलने के तुरंत बाद ही रिजर्व बैंक और एनपीसीआई के साथ बैंकों को जारनकारी दी गयी. इसके बाद ग्राहकों की संवेदनशील जानकारी को सुरक्षित करने का काम शुरु किया गया. एंटोनी का दावा है कि इन्ही प्रयासों से नुकसान सीमित किया जा सका.


बीते साल देश भर में विभिन्न बैंकों के करीब 32 लाख डेबिट कार्ड के डाटा चोरी की आशंका की खबर आने के बाद सनसनी फैल गयी थी. इस आशंका की वजह एक खास बैंक के एटीएम का इस्तेमाल रही. कई ग्राहकों ने शिकायत की है कि उनके कार्ड के साथ धोखाधड़ी कर चीन और अमेरिका में पैसे निकाल लिए गए. जिन 32 लाख डेबिट कार्ड के डाटा चोरी की आशंका जतायी गयी थी उनमें से मास्टरकार्ड और वीजा के करीब 26 लाख कार्ड है जबकि बाकी 6 लाख रुपे के कार्ड हैं. प्रभावित कार्ड में से भारतीय स्टेट बैंक और उसके चार सहयोगी बैंक, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर और स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद ने करीब सवा छह लाख कार्ड ब्लॉक कर दिए और उनकी जगह मुफ्त में कार्ड जारी किए गए. बाकी बैंकों में आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और एक्सिस बैंक ने उन ग्राहकों से डेबिट कार्ड का पिन बदलने को कहा है जिनके कार्ड के साथ डाटा चोरी का खतरा है.


कार्ड की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आपको एहतियाती तौर पर कुछ कदम उठाने चाहिए:


हर महीने या फिर ज्यादा से ज्यादा 3 से छह महीने के भीतर पिन बदल लेना चाहिए
पिन की जानकारी किसी को भी नहीं देनी चाहिए
जहां तक मुमकिन हो, आप अपने ही बैंक के एटीएम का इस्तेमाल करें


डेबिट कार्ड के इस्तेमाल को लेकर बैंक से आने वाले एसएमएस या ईमेल अलर्ट पर पूरा ध्यान रखे, कहीं भी कुछ संदिग्ध लगे तो अपने बैंक से संपर्क करने में देरी नहीं करे


होटल, रेस्त्रां, पेट्रोल पंप या फिर भी किसी भी दुकान पर अगर कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं तो अपने सामने ही उसे स्वाइप करें, ताकि उसकी क्लोनिंग यानी नकली कार्ड बनाने से बचाया जा सके


अकाउंट स्टेटमेंट पर नियमित नजर रखे. किसी भी तरह के संदिग्ध लेन-देन की सूरत में बैंक से बिना देरी के सम्पर्क करें


नेट बैंकिंग का इस्तेमाल करते हैं तो वहां पर भी पासवर्ड नियमित अंतराल पर बदलते रहें.


बीते साल जुलाई तक के आंकडे बताती हैं कि 56 सरकारी, निजी और विदेशी बैंकों ने देश में करीब 70 करोड़ डेबिट कार्ड जारी किए. हालांकि इनमें से आधे फीसदी से भी कम कार्ड को लेकर खतरा पैदा हुआ है, लेकिन संख्या के लिहाज से देखे तो 32 लाख काफी बड़ी संख्या हो जाती है